चमकदार पुल के पीछे वर्षो के संघर्ष की दास्तान

जागरण संवाददाता, नई टिहरी: उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ में सोमवार को जिस वक्त मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨स

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 03:04 AM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 03:04 AM (IST)
चमकदार पुल के पीछे वर्षो के संघर्ष की दास्तान
चमकदार पुल के पीछे वर्षो के संघर्ष की दास्तान

जागरण संवाददाता, नई टिहरी: उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ में सोमवार को जिस वक्त मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत आर्च पुल का उद्घाटन कर रहे थे, उसी वक्त टिहरी में भी आर्च पुल को लेकर बांध प्रभावितों के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने वाले याचिकाकर्ता इस चमकदार पुल के पीछे की कहानी को बयां कर रहे थे।

सोमवार को में वरिष्ठ अधिवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने बताया कि टिहरी बांध के चलते 2002 में भागीरथी और भिलंगना नदी का पानी रोकने की तैयारी की जा चुकी थी, लेकिन टिहरी शहर से जुड़े गांवों में आने-जाने के लिए सड़कों और पुलों का निर्माण तक नहीं किया था। ऐसे में टिहरी के अधिवक्ता शांति प्रसाद भट्ट, महिपाल नेगी और दर्शनी रावत सहित तत्कालीन विधायक किशोर उपाध्याय और कांग्रेस नेता जोत ¨सह बिष्ट ने हाईकोर्ट में इस संबंध में 2004 में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने यहां पर पुल और सड़कें बनाने के आदेश जारी किए और तब तक टी टू सुरंग बंद न करने के आदेश दिए। सरकार की पैरवी के बाद वर्ष 2005 में अपने इस आदेश को वापस ले लिया। फिर शांति प्रसाद भट्ट व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। लंबी लड़ाई के बाद वर्ष 2005 से 2014 तक सुप्रीम कोर्ट ने टिहरी बांध प्रभावित क्षेत्र में सड़क, पुल, पेयजल लाइन और अन्य मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए राज्य सरकार को 51 अंतरिम आदेश दिए। जिसमें चिन्यालीसौड़ का आर्च पुल भी शामिल है।

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