गौरीकुंड हाईवे चौड़ीकरण में नियमों की बलि

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: ऑल वेदर रोड योजना के तहत निर्माणाधीन गौरीकुंड हाईवे यात्रियों क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Dec 2018 10:24 PM (IST) Updated:Fri, 21 Dec 2018 10:24 PM (IST)
गौरीकुंड हाईवे चौड़ीकरण में नियमों की बलि
गौरीकुंड हाईवे चौड़ीकरण में नियमों की बलि

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: ऑल वेदर रोड योजना के तहत निर्माणाधीन गौरीकुंड हाईवे यात्रियों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। हाईवे चौड़ीकरण के लिए पहाड़ियों को नियमों की अनदेखी करते हुए लापरवाही से काटा जा रहा है, जिससे 76 किमी लंबे इस हाईवे पर सफर करना मौत को दावत देने जैसा है। पहाड़ियों को बेतरतीब तरीके से काटने के चलते अक्सर हाईवे पर बोल्डर और मलबा गिरता रहता है। शुक्रवार को पहाड़ खिसकने से सात मजदूर की मौत भी इसी लापरवाही की बानगी है।

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ऑल वेदर रोड के तहत गौरीकुंड हाईवे पर एक हजार करोड़ से अधिक की धनराशि से कार्य होने हैं। लेकिन, निर्माण एजेंसियों और ठेकेदारों की लापरवाही के चलते इस सड़क पर सफर करना खतरनाक हो गया है। पहाड़ियों पर अटके बोल्डर कब गिर पड़ें, कहा नहीं जा सकता। वहीं पहाड़ियों की कटिंग गलत तरीके से किए जाने से स्लाइडिंग जोन बन गए हैं। क¨टग के बाद ट्रीटमेंट के बजाय दूसरे स्थान पर कार्य शुरू कर दिया जा रहा है।

76 किमी हाईवे पर 40 से अधिक स्लाइडिंग जोन: रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक 76 किमी लंबे हाईवे पर 40 से अधिक स्लाइडिंग जोन बन गए हैं। रुद्रप्रयाग व तिलवाड़ा के बीच ही छह से अधिक स्थानों पर हाईवे काफी खतरनाक बना हुआ है। जबकि, अगस्त्यमुनि से चंद्रापुरी-भीरी व गुप्तकाशी तक भी हाईवे 15 से अधिक स्थानों पर खतरनाक बना हुआ है। यहां तक कि पुलिस अधीक्षक अजय ¨सह भी मानते हैं कि निर्माण कार्य में काफी लापरवाही बरती जा रही है।

मजदूरों की संख्या पर असमंजस

पहाड़ खिसकने से हुए हादसे की चपेट में कितने मजदूर आए, इसे लेकर काफी देर तक कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि ठेकेदार के पास मजदूरों का पूरा ब्योरा तक नहीं था। निर्माण एजेंसी का साइट इंजार्च भी मौके पर नहीं था। घटना के काफी देर बाद कुल 11 मजदूरों के मलबे की चपेट में आने की बात प्रशासन ने कही।

निर्माण संस्था के पास नहीं सुरक्षा के इंतजाम: स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण एजेंसियों के पास एंबुलेंस की सुविधा तक नहीं है। जबकि, निर्माण कर करे मजदूरों के पहाड़ियों पर कार्य करने के लिए भी सुरक्षा के उपाय नहीं हैं।

1200 से अधिक मजदूर कर रहे निर्माण: गौरीकुंड हाईवे पर 1200 से अधिक मजदूर विभिन्न स्थानों पर कार्य कर रहे हैं। हादसे में मृतकों के आश्रितों को एक-एक लाख रुपये की तात्कालिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए नेशनल हाईवे ने निर्माण एजेंसी 2को निर्देश दिए हैं।

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