Rishikesh-Karnprayag Line: नरकोटा से जवाड़ी में आर-पार हुई सुरंग, ‘भारत माता की जय’ के नारों संग मनाई खुशी

Rishikesh-Karnprayag Line ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की नरकोटा से जवाड़ी के बीच बन रही 3.2 किमी लंबी निकास सुरंग की खोदाई का कार्य पूरा हो गया है। इस अवसर पर कंपनी के अधिकारी व श्रमिकों ने ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष कर खुशी का इजहार किया।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 05 Feb 2023 10:53 AM (IST) Updated:Sun, 05 Feb 2023 10:53 AM (IST)
Rishikesh-Karnprayag Line: नरकोटा से जवाड़ी में आर-पार हुई सुरंग, ‘भारत माता की जय’ के नारों संग मनाई खुशी
Rishikesh-Karnprayag Line: नरकोटा से जवाड़ी के बीच निकास सुरंग की खोदाई का कार्य पूरा हो गया है।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: Rishikesh-Karnprayag Rail Project: 125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की नरकोटा से जवाड़ी के बीच बन रही 3.2 किमी लंबी निकास सुरंग की खोदाई का कार्य पूरा हो गया है।

शनिवार को यह सुरंग आर-पार हो गई। इस सुरंग की खोदाई में 14 माह का समय लगा। इससे पूर्व, नौ अक्टूबर 2022 को नरकोटा से खांकरा के बीच परियोजना की पहली मुख्य सुरंग आर-पार हुई थी। यह सुरंग दो किमी लंबी है।

रेल विकास निगम को एक और सफलता हासिल हुई

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर रेल विकास निगम को एक और सफलता हासिल हुई है। निर्माण कार्य में जुटी मेगा कंपनी ने शनिवार को नरकोटा से जवाड़ी के बीच निर्माणाधीन निकास सुरंग की खोदाई का कार्य पूरा किया। इस अवसर पर कंपनी के अधिकारी व श्रमिकों ने ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष कर खुशी का इजहार किया।

मेगा कंपनी ने इस निकास सुरंग के फेज वन पर 24 नवंबर 2021 से कार्य शुरू किया गया था, जो चार फरवरी को पूरा हुआ। कंपनी के महाप्रबंधक एचएन सिंह ने बताया कि रेल विकास निगम के दिशा-निर्देश पर तय अवधि में परियोजना का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

परियोजना पर एक नजर

यह परियोजना भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण रेल परियोजना है। 16216 करोड़ की लागत से तैयार हो रही 125 किमी लंबी इस परियोजना के तहत 105 किमी रेल लाइन सुरंगों से होकर गुजरेगी।

परियोजना पर कुल 17 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें सबसे लंबी सुंरग 14.08 किमी (देवप्रयाग से जनासू के बीच) और सबसे छोटी सुरंग 200 मीटर (सेवई से कर्णप्रयाग के बीच) लंबी होगी। परियोजना के तहत वीरभद्र, योगनगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर (चौरास), धारी देवी, रुद्रप्रयाग (सुमेरपुर), घोलतीर, गौचर व कर्णप्रयाग (सेवई) में 13 स्टेशन बनने हैं।

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