Kedarnath Dham: केदारनाथ यात्रा में बीमार और अनफिट घोड़े- खच्चरों का नहीं होगा संचालन, डीएम ने दिए निर्देश; बनेंगे हॉस्पिटल

Kedarnath Dham जिला कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि पशु क्रूरता की निरंतर निगरानी रखने के लिए गठित म्यूल टास्क फोर्स के माध्यम से कड़ी निगरानी रखी जाए। गत यात्रा में जिन घोड़े-खच्चरों के मालिकों/संचालकों ने पशु-क्रूरता की है उनके विरुद्ध न्यायालय में वाद लंबित हैं। ऐसे घोड़े-खच्चर मालिक/संचालकों को चिह्नित कर न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में संचालन की अनुमति न दी जाए।

By Brijesh bhatt Edited By: Swati Singh Publish:Thu, 28 Mar 2024 07:07 PM (IST) Updated:Thu, 28 Mar 2024 07:07 PM (IST)
Kedarnath Dham: केदारनाथ यात्रा में बीमार और अनफिट घोड़े- खच्चरों का नहीं होगा संचालन, डीएम ने दिए निर्देश; बनेंगे हॉस्पिटल
केदारनाथ यात्रा में बीमार और अनफिट घोड़े- खच्चरों का नहीं होगा संचालन

HighLights

  • केदारनाथ यात्रा में अस्वस्थ घोड़े-खच्चरों का न हो संचालन: डीएम
  • जिला कार्यालय में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक ली
  • जिन संचालकों के पशु क्रूरता के मामले कोर्ट में हैं उन्हें संचालन की अनुमति नहीं

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने केदारनाथ यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो इसके लिए कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। यात्रा में अस्वस्थ घोड़े-खच्चरों का संचालन न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाए।

जिला कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि पशु क्रूरता की निरंतर निगरानी रखने के लिए गठित म्यूल टास्क फोर्स के माध्यम से कड़ी निगरानी रखी जाए। गत यात्रा में जिन घोड़े-खच्चरों के मालिकों/संचालकों ने पशु-क्रूरता की है, उनके विरुद्ध न्यायालय में वाद लंबित हैं। ऐसे घोड़े-खच्चर मालिक/संचालकों को चिह्नित कर न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में इस यात्रा में संचालन की अनुमति न दी जाए।

घोड़े- खच्चर के लिए तैयार हो रहा चिकित्सालय

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कहा कि घोड़े-खच्चरों के लिए फाटा में जो पशु चिकित्सालय तैयार किया जा रहा है, उसमें उप जिलाधिकारी के साथ समन्वय करते हुए पर्याप्त स्थान को चिह्नित करने के निर्देश दिए। इससे कि यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के उचित उपचार के लिए चिकित्सालय तैयार किया जा सके। गौरीकुंड घोड़ा-पड़ाव के ऊपर सेंचुरियन क्षेत्र में किसी भी प्रकार से किसी भी घोड़े-खच्चर के डेरे एवं रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के लिए चिप (इंटरनल टैग) तैयार करने के निर्देश दिए। इसमें घोड़े-खच्चरों का पूरा विवरण तैयार हो सके।

पशु क्रूरता न हो इसलिए की जा रही कड़ी निगरानी

पीपल फॉर एनिमल की सदस्य गौरी मौलखी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी तरह से कोई पशु क्रूरता न हो इस पर कड़ी निगरानी रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का सुझाव दिया।

बैठक में ये लोग रहे शामिल

बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. आशीष रावत, पुलिस उपाधीक्षक हर्षवर्धनी सुमन, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक लीलाधर बिष्ट, डा. राजीव गोयल, एसपीओ गुलाब सिंह, डा. अमित सिंह, डा. सुनील कुमार, सहायक अभियोजन अधिकारी उदय सिंह जगवाण सहित संबंधित अधिकारी आदि मौजूद रहे।

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