केदारनाथ में पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ लेंगे यात्री

बृजेश भट्ट रुद्रप्रयाग इस बार देश-दुनिया से केदारनाथ धाम आने वाले यात्री पहाड़ी व्यंजनों का

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 10:16 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 06:29 AM (IST)
केदारनाथ में पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ लेंगे यात्री
केदारनाथ में पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ लेंगे यात्री

बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग

इस बार देश-दुनिया से केदारनाथ धाम आने वाले यात्री पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ भी उठा सकेंगे। इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। यात्रियों को हाट बाजार में पहाड़ी व्यंजनों के साथ पहाड़ी संस्कृति के भी दर्शन कराए जाएंगे। इससे जहां देश-दुनिया में पहाड़ी व्यंजनों का ब्रांडिंग होगी, वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

केदारनाथ यात्रा आगामी नौ मई से शुरू हो रही है। इसके लिए प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। तय हुआ है कि इस बार यात्रियों को भोजन में स्थानीय उत्पादों से बने पहाड़ी व्यंजन परोसे जाएंगे। इसके लिए केदारनाथ बेस कैंप में हाट बाजार बनाया गया है और सभी दुकानें प्रशासन की ओर से स्थानीय युवाओं व व्यापारियों को आवंटित की गई हैं। इसके पीछे ध्येय यात्रियों को पहाड़ की संस्कृति एवं परंपराओं से परिचित कराना है। इसके अलावा पहाड़ में तैयार होने वाले विभिन्न उत्पादों और पारंपरिक वस्त्रों की बिक्री के लिए भी केदारनाथ में हाट बाजार लगाया जाएगा।

बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में दो हजार से अधिक महिला समूहों के साथ महिला मंगल दल व अन्य संगठन गांव-गांव जाकर पहाड़ी उत्पाद एकत्र कर रहे हैं। इसके लिए प्रशासन की ओर सोनप्रयाग व केदारनाथ में कलेक्शन सेंटर बनाए भी बनाए गए हैं। साथ ही केदारघाटी के होटलों को अपने मेन्यू में पहाड़ी व्यंजन शामिल करने के लिए प्रशासन की ओर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के अनुसार हाट बाजार में स्थानीय उत्पादों से तैयार व्यंजनों की बिक्री से सीधे-सीधे स्थानीय काश्तकार लाभान्वित होंगे। साथ ही पहाड़ी उत्पादों की मांग बढ़ने से परंपराओं का संरक्षण भी होगा।

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पहाड़ी व्यंजनों का मेन्यू तैयार

यात्रा सीजन के लिए प्रशासन की ओर से पहाड़ी व्यंजनों का मेन्यू तैयार कर लिया गया है। इसमें मंडुवे की रोटी, लहसुन की चटनी, गहत की दाल व फाणू, उड़द की दाल का चैंसू, झंगोरे की खीर, लाल भात (चावल) जैसे पारंपरिक व्यंजन शामिल हैं। इसके अलावा धाम में मिलने वाला प्रसाद भी स्थानीय उत्पादों से ही तैयार किया जाएगा।

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