कागजों में 'झूल' रहा झूला पुल

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सिलगढ और तल्लानागपुर क्षेत्र को आपस में जोड़ने के लिए गंगतल महादेव में बना

By Edited By: Publish:Tue, 21 Oct 2014 04:06 PM (IST) Updated:Tue, 21 Oct 2014 04:06 PM (IST)
कागजों में 'झूल' रहा झूला पुल

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: सिलगढ और तल्लानागपुर क्षेत्र को आपस में जोड़ने के लिए गंगतल महादेव में बनाया जा रहे झूला पुल के डिजाइन का सात साल बाद भी अता-पता नहीं है। हाल यह है कि पुल का मात्र एक छोर का बेसमेंट ही बन पाया है। पुल न बनने से ग्रामीणों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए दस से पंद्रह किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है।

सिलगढ़ व तल्लानागपुर क्षेत्र के रजवाडा, फलाटी, कुमडी, डांगी, गुनाऊ, बैंजी, गंगतल, सौड, कैलढुंग, बुडोली आदि गांवों के लोग बरसों से गंगतल में झूला पुल निर्माण की मांग करते आ रहे थे। इस पुल का निर्माण हो जाता तो ग्रामीणों को 15 किलोमीटर का सफर कम तय करना होता। जनता की इस मांग को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने वर्ष 2006-07 में गौरीकुंड हाईवे स्थित गंगतल महादेव में झूला पुल निर्माण की स्वीकृति देते हुए 1.43 लाख रुपये का बजट भी दे दिया। हालांकि सात साल बाद भी पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। पुल पर अभी तक मात्र एक छोर का पिलर ही तैयार किया गया है। जबकि दूसरे छोर पर बेसमेंट के लिए बुनियाद खोद कर उसे ऐसे ही छोड़ दिया गया है। पुल का निर्माण कार्य मात्र डिजाइन पर अटका हुआ है। अभी पुल पर काफी काम होना बाकी है। कार्यदायी संस्था लोनिवि का कहना है कि पुल का डिजाइन अगस्त में मिलना था लेकिन उन्हें वह प्राप्त नहीं हो पाया है। जिस कारण पुल कानिर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। पुल के न बनने से ग्रामीणों को बाजार पहुंचने के लिए 10 से 15 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है।

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'पुल का डिजाइन अगस्त माह में प्राप्त होना था, जो अब तक नहीं मिल पाया है। 25 अक्टूबर तक डिजाइन मिलने की उम्मीद है। डिजाइन मिलते ही पुल पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।'

इंद्रजीत बोस, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, रुद्रप्रयाग

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