अभिमन्यु वध से नम हुई दर्शकों की आंखें

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में चल रहे पांडव नृत्य क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Dec 2018 05:53 PM (IST) Updated:Tue, 18 Dec 2018 05:53 PM (IST)
अभिमन्यु वध से नम  हुई दर्शकों की आंखें
अभिमन्यु वध से नम हुई दर्शकों की आंखें

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में चल रहे पांडव नृत्य के 24वें दिन चक्रव्यूह का भावपूर्ण मंचन किया गया। चक्रव्यूह में अभिमन्यु वध का दृश्य देख दर्शकों की आंखें नम हो गई। चक्रव्यूह मंचन को देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ी रही।

गत 25 नवंबर से ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में चल रहे पांडव नृत्य को सफल बनाने में डंगवाड़ी, ब्राह्मणखोली, प्रेमनगर, उदयपुर, गांधीनगर एवं सरूणा के ग्रामीण अपना पूर्ण सहयोग दे रहे हैं। पांडव नृत्य के 24वें दिन कौरव पांडवों को परास्त करने के लिए चक्रव्यूह की रचना करते हैं। राजकीय इंटर कॉलेज ऊखीमठ के पास में बना चक्रव्यूह भेदने के लिए मुख्य बाजार ऊखीमठ से घोड़ों पर सवार होकर कौरव आयोजन स्थल पर पहुंचे और पांडवों को चक्रव्यूह भेदन का न्यौता भेजा। इसके बाद अर्जुन का 16 वर्षीय पुत्र अभिमन्यु कौरवों से युद्ध करने के लिए मैदान में उतरता है। अभिमन्यु की भूमिका में अर्जुन रावत ने प्रथम द्वार में खड़े जयद्रथ को मुर्छित कर व्यूह में प्रवेश किया। इसकेबाद अभिमन्यु अकेले ही चक्रव्यूह के अंदर युद्ध करता है और एक के बाद एक द्वार तोड़ आगे बढ़ता जाता है। जैसे ही छठे द्वार तोड़ने के बाद वह सातवें द्वार पर पहुंचता है तो कौरव छल कपट से अभिमन्यु का वध कर देते हैं। चक्रव्यूह का पार्थो गायन का संचालन जैक्सवीन नेशनल स्कूल गुप्तकाशी के चेयरमैन एलएस राणा एवं डॉ. शैलेंद्र मैठाणी ने संयुक्त रूप से किया। ऊखीमठ में चल रहे पांडव नृत्य का समापन 25 दिसंबर को होगा। इस अवसर पर पांडव नृत्य समिति के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, सचिव अर्जुन रावत, भूपेंद्र राणा, बबलू जंगली, आचार्य हर्ष जमलोकी, कुंवर ¨सह, गजपाल ¨सह समेत हजारों दर्शक उपस्थित थे।

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