शीतकाल के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हुए बाबा केदार

भगवान केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई है। आगामी छह माह तक यहीं बाबा की पूजा होगी।

By BhanuEdited By: Publish:Mon, 12 Nov 2018 10:36 AM (IST) Updated:Mon, 12 Nov 2018 10:36 AM (IST)
शीतकाल के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हुए बाबा केदार
शीतकाल के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हुए बाबा केदार

रुद्रप्रयाग, [जेएनएन]: भगवान केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई है। अब आगामी छह माह बाबा केदार यहीं अपने भक्तों को दर्शन देंगे। इससे पूर्व, ऊखीमठ पहुंचने पर बाबा की डोली का सैकड़ों भक्तों ने फूल व अक्षत से जोरदार स्वागत किया।     

विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में रात्रि विश्राम करने के बाद सुबह बाबा केदार की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना हुई। इससे पूर्व, सुबह ठीक आठ बजे मुख्य पुजारी टी. गंगाधर ङ्क्षलग ने बाबा की पंचमुखी भोगमूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना कर भोग लगाया। 

इसके बाद जैसे ही बाबा की उत्सव डोली अपने अंतिम पड़ाव के लिए रवाना हुई, जम्मू-कश्मीर रेजीमेंट की बैंड धुनों से वातावरण शिवमय हो गया। उत्सव डोली भैंसारी, विद्यापीठ होते हुए जैबीरी पहुंची, जहां स्थानीय लोगों ने भगवान को अघ्र्य लगाया। देवदर्शनी में भक्तों ने फूल मालाओं से बाबा का स्वागत किया। 

इसके बाद डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंची। जहां मुख्य मंदिर की परिक्रमा करने के बाद केदारनाथ के रावल भीमाशंकर ङ्क्षलग की मौजदूगी में मंदिर के पुजारी ने बाबा की पंचमुखी भोगमूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया। 

इस दौरान सभी भक्तों ने प्रसाद का भोग लगाया। इस मौके पर श्री बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, राजकुमार नौटियाल, मुख्य पुजारी टी. गंगाधर लिंग, बागेश लिंग, युद्धवीर पुष्पाण, गिरीश देवली, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, मृत्युंजय, देवी प्रसाद तिवारी समेत बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।

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