केदारनाथ में खाली बैठी एएसआइ टीम

केदारनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यही वजह है कि 16 मई को केदारनाथ पहुंची एएसआइ की चार सदस्यीय टीम अभी तक मंदिर में काम शुरू नहीं कर पाई है।

By bhanuEdited By: Publish:Tue, 19 May 2015 04:15 PM (IST) Updated:Tue, 19 May 2015 04:22 PM (IST)
केदारनाथ में खाली बैठी एएसआइ टीम

बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग। केदारनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यही वजह है कि 16 मई को केदारनाथ पहुंची एएसआइ की चार सदस्यीय टीम अभी तक मंदिर में काम शुरू नहीं कर पाई है, जबकि दो दिन के भीतर काम शुरू हो जाना चाहिए था।

हालांकि एएसआइ के अधिकारियों के अनुसार टीम वहां अपनी व्यवस्थाएं जुटा रही है। इसके बाद ही काम शुरू होगा। दूसरी ओर मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी (सीइओ) बीडी सिंह ने आरोप लगाया कि टीम ने समिति से काम के लिए अनुमति नहीं ली है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर एएसआइ के अधीन नहीं हैं। ऐसे में मंदिर समिति से अनुमति लिए बिना काम शुरू नहीं हो सकता।
दरअसल, एएसआइ और मंदिर समिति के बीच काम की प्राथमिकताओं को लेकर रार चल रही है। जाहिर से इससे जीर्णोद्धार कार्य में विलंब होना तय है। समिति जीर्णोद्धार कार्य अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार कराना चाहती है। एएसआइ से नाराज सीइओ बीडी सिंह का आरोप है कि नवंबर 2014 में समिति ने पत्र भेज अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं थीं, लेकिन एएसआइ ने उसका जवाब तक देना मुनासिब नही समझा।

एएसआइ पर मनमानी के आरोप जड़ते हुए सिंह ने बताया कि मंदिर के एक दीवार के पत्थर खिसक गए हैं, जिन्हें तत्काल ठीक किया जाना है, वहीं आपदा में मंदिर के दरवाजों को काफी नुकसान पहुंचा। खराब हो चुके दरवाजों को बदला जाना जरूरी है।

पिछले साल एएसआइ ने एक दरवाजा बदला, लेकिन इसका साइज भी लगभग एक फीट कम था और लकड़ी की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। सीइओ ने बताया कि एएसआइ की टीम केदारनाथ में है, लेकिन मंदिर में जो भी काम होगा समिति की अनुमति से ही होगा।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ.वीके स्वर्णकार के मुताबिक तीन सप्ताह पहले बदरी-केदार समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ हुई बैठक में एएसआइ को अपने नियमों के मुताबिक काम करने की छूट दी गई। संस्थान काम में समिति की ही प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन तकनीकी पहलू एएसआइ अपने मुताबिक देखेगा।
वहीं बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के अनुसार उनकी एएसआइ के साथ बैठक हुई थी। इसमें एएसआइ को नियमों के मुताबिक कार्य करने को कहा गया। पिछले अनुभव को देखते हुए इस बात पर जोर दिया गया कि समिति और एएसआइ दोनों की ओर से ऐसा कुछ न किया जाए, जिससे गलतफहमी पैदा हो। सीइओ के आरोपों के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।

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