जंगल में आग, जागकर कट रही रात

बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग दहकते जंगलों की आग आंगन तक पहुंची तो गांवों की नींद ही उड़ गई। रुद्रप्रयाग

By Edited By: Publish:Thu, 28 Apr 2016 01:01 AM (IST) Updated:Sat, 30 Apr 2016 09:51 AM (IST)
जंगल में आग, जागकर कट रही रात

बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग

दहकते जंगलों की आग आंगन तक पहुंची तो गांवों की नींद ही उड़ गई। रुद्रप्रयाग जिले के ग्वास, घिमतीधार, रसोड़ा, गैड़, कमेड़ा, कुड़ी और मोलेखाली जैसे गांवों में इन दिनों रतजगा किया जा रहा है। रुद्रप्रयाग के उप वन संरक्षक राजीव धीमान भी स्वीकार करते हैं कि 'चुनौती बड़ी है'। वह बताते हैं कि मंगलवार की रात खांकरा रेंज में लगी आग को बुझाने के लिए वह स्वयं टीम के साथ मौके पर गए।

दरअसल, आग के विकराल रूप से रुद्रप्रयाग भी अछूता नहीं है। अब 55 हेक्टेयर वन क्षेत्र राख हो चुका है और करीब 80 हेक्टेयर प्रभावित है। हालात इस कदर गंभीर हैं कि आग से गांवों को खतरा पैदा हो गया है। ग्वास गांव के निवासी और युवक मंगल दल के अध्यक्ष धर्मेद्र सिंह नेगी बताते हैं कि मंगलवार रात 80 परिवारों वाले गांव में किसी ने भी झपकी तक नहीं ली। गांव के पास जंगल में दहक रही आग तेजी से गांव की ओर बढ़ती देखी तो युवक उसे बुझाने में जुट गए। तड़के आग पर काबू पाया जा सका। इसी गांव के रहने वाले वन सरपंच सुरेन्द्र सिंह नेगी कहते हैं कि आग इतनी भीषण है कि उस पर काबू पाना आसान नहीं है, पूरे क्षेत्र आग की चपेट में हैं। वनाग्नि से प्रभावित गांवों इस कदर दहशत में हैं कि ग्रामीण बाकायदा दल बनाकर चौबीसों घंटे आग पर नजर रख रहे हैं। ताकि किसी भी अनहोनी को टाला जा सके। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के पास गांव नरकोटा हो या फिर दूरस्थ घिमतोली और बांगर, सभी स्थानों पर हालात ऐसे ही हैं। आग का असर सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। चारों ओर छाई धुंध ने मुसीबत में इजाफा ही किया है। विजिबलिटी बेहद कम हो चुकी है। धुंए से लोग आंखों में जलन महसूस कर रहे हैं।

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'आग बुझाने के लिए जिले में 62 फायर वाचर के साथ ही 75 वन कर्मचारी तैनात किए गए हैं। ये लोग स्थानीय लोगों के सहयोग से आग बुझा रहे हैं।'

राजीव धीमान, उप वन संरक्षक, रुद्रप्रयाग

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