केदारनाथ में 130 करोड़ से होंगे द्वितीय चरण के कार्य

केदारनाथ धाम में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य 80 फीसद पूरे हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 11:10 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 06:10 AM (IST)
केदारनाथ में 130 करोड़ से होंगे द्वितीय चरण के कार्य
केदारनाथ में 130 करोड़ से होंगे द्वितीय चरण के कार्य

बृजेश भट्ट, रुद्रप्रयाग

केदारनाथ धाम में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य 80 फीसद पूरे हो चुके हैं और द्वितीय चरण के कार्य शुरू करने को कवायद चल रही है। प्रशासन की ओर से भूमि का सर्वे कर लिया गया है और अब मास्टर प्लान के तहत सरकारी व गैर सरकारी भवनों का अधिग्रहण किया जाना है। इन औपचारिकताओं के पूरे होते ही द्वितीय चरण के कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। इन पर 130 करोड़ की धनराशि खर्च होनी है। इसके अलावा तीसरे चरण के लिए 195 करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित हैं।

वर्ष 2013 की आपदा में तबाह हुई केदारपुरी को दोबारा से मास्टर प्लान के तहत बसाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर 2017 को तीन चरणों में होने वाले पुनर्निर्माण कार्यो का शिलान्यास किया था। प्रथम चरण में केदारनाथ मंदिर परिसर का चौड़ीकरण, मंदिर के सामने 200 मीटर लंबे पैदल मार्ग व चबूतरे का निर्माण, मंदाकिनी नदी पर 400 मीटर लंबे आस्था पथ, आदि शंकराचार्य की समाधि, गरुड़चट्टी-केदारनाथ पैदल, तीर्थपुरोहितों के घर, मंदाकिनी व सरस्वती पर घाट का निर्माण और बाढ़ सुरक्षा कार्य होने थे।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) लोनिवि की केदारनाथ शाखा के सहायक अभियंता राजविंद सिंह ने बताया कि इनमें 80 फीसद कार्य पूरे हो चुके हैं और अब द्वितीय चरण के कार्य शुरू करने को औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। बताया कि तीन चरणों में होने वाले पुनर्निर्माण कार्यो पर कुल 450 करोड़ की धनराशि खर्च होने का अनुमान है।

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द्वितीय चरण में होने वाले कार्य

-चिकित्सालय का निर्माण

-मंदाकिनी व सरस्वती नदी पर प्लाजा का निर्माण

-मंदिर समिति के भवनों का निर्माण

-मंदिर के ठीक सामने प्लाजा विस्तारीकरण

-संगम घाट पर नवनिर्माण

-दो वाटर एटीएम की स्थापना

-आस्था पथ में रेन शटर और यात्रियों के लिए बैठक का निर्माण

-पुलिस स्टेशन व बैरक का निर्माण

-पुलिस गेस्टहाउस का निर्माण

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'केदारपुरी में मास्टर प्लान के तहत द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्यो के लिए भूमि का सर्वे किया जा चुका है। लेकिन, भूमि का अधिग्रहण कब होना है, इसका निर्णय उस पर बने भवनों में रहने वाले तीर्थ पुरोहितों से बातचीत के बाद ही लिया जाएगा।'

-वंदना सिंह, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग

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