महादेव के जयकारों से गूंजे शिवालय

जागरण टीम, गढ़वाल: उत्तराखंड के पंचांग के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार को आज गढ़वाल में शिवालयों में

By Edited By: Publish:Mon, 03 Aug 2015 06:39 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2015 06:39 PM (IST)
महादेव के जयकारों से गूंजे शिवालय

जागरण टीम, गढ़वाल: उत्तराखंड के पंचांग के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार को आज गढ़वाल में शिवालयों में हर-हर महादेव के जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहा। इस मौके पर श्रद्धालुओं में जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया।

रुद्रप्रयाग में सावन मास के तीसरे सोमवार को भी जिला मुख्यालय के कोटेश्वर महादेव समेत विभिन्न शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहा। मंदाकिनी-अलकनंदा के संगम एवं अलकनंदा नदी कोटेश्वर में भक्त सुबह पांच बजे से स्नान के लिए पहुंचने शुरू हो गए थे। जिला मुख्यालय के प्रसिद्ध शिवालय कोटेश्वर में सुबह से पांच बजे से गुफा के दर्शनों एवं पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे, बाबा के भक्तों ने पूजा-अर्चना के साथ ही अपने परिवार की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना भी। इसके अलावा रुद्रनाथ, पुण्डेश्वर, तुंगनाथ समेत कई शिव मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं जिला मुख्यालय के साथ ही तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, चन्द्रापुरी, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, गौरीकुंड, फाटा, जखोली, चोपडा, चोपता समेत कई स्थानों पर स्थित शिवालयों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा।

कर्णप्रयाग में क्षेत्र स्थित मठ-मंदिरों में श्रावण मास के सोमवार पर विशेष पूजा के अनुष्ठान किए गए। नगर के संगम शिवालय, मुख्य बाजार स्थित शिवालय, सांकरी शिवालय, नंदाधाम नौटी नंदादेवी मंदिर, कपीरी छांतेश्वर महादेव, भैलेश्वर, शैलेश्वर, बमोथ जलेश्वर, बामनाथ मंदिर, सिमली टटेश्वर महादेव, लाटूगैर मंदिर, लंगासू शिवालय, सोनला स्थित नागदेवता मंदिरों मेंसुबह से ही शिवार्चन व शिव पूजा के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही, इस मौके पर लोगों ने अखंड रामायण, कीर्तन-भजन, भंडारे के कार्यक्रम मंदिरों में रखे है। इसी तरह नारायणबगड़ के मृत्युंजय देव मंदिर, मींगेश्वर महादेव, मालेश्वर, थराली शिवालय, बधाणगढ़ी, आदिबदरी धाम मंदिर, देवाल शिवालय, गैरसैंण शिवालयों में भी जलाभिषेक केलिए भक्तों का तांता लगा रहा। कपीरी के छांतेश्वर मंदिर में इस मौके पर विशेष रूप से शिवपुराण कथा का आयोजन रखा गया है। उत्तरकाशी में सावन के तीसरे सोमवार को भी विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने नगर के मुख्य घाट केदार घाट, मणिर्किणका घाट, जड़भरत घाट, लक्षेश्वर घाट तथा गंगोरी घाट में स्नान किया। उसके बाद काशीविश्वनाथ मंदिर, सिद्धेश्वर माहदेव, महाकालेश्वर मंदिर सहित शिवालयों में जलाभिषेक किया।

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