केदारनाथ के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : केदार बाबा के दर्शन को जाने वाले सभी श्रद्धालुओं का बायोमैट्रिक रजिस्ट्र

By Edited By: Publish:Wed, 25 Feb 2015 06:20 PM (IST) Updated:Wed, 25 Feb 2015 06:20 PM (IST)
केदारनाथ के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : केदार बाबा के दर्शन को जाने वाले सभी श्रद्धालुओं का बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे यात्रियों की सही स्थिति की जानकारी हर समय प्रशासन के पास रहेगी। बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन के लिए जिला प्रशासन विभिन्न कंपनियों से संपर्क साध रहा है।

2013 में आई आपदा ने केदारनाथ में भारी तबाही मचाई जिसमें हजारों यात्री काल कवलित हो गए। इस तबाही के बाद दूसरा दर्दनाक पहलू यह भी सामने आया कि यात्रियों के अधिकारिक आंकड़े उपलब्ध न होने से उनके ना पते और नुकसान का सटीक अनुमान नहीं लग सका। लोग आज भी अपनों के जिंदा होने की आस में इधर उधर भटक रहे हैं। इससे सबक लेते हुए प्रशासन ने अब यात्रियों के पूरे आंकड़े जुटाने की कवायद शुरू कर दी है। पैदल मार्ग पर यात्री कहां-कहां पर कितनी संख्या में हैं और उनकी लोकेशन कहां है, इसकी जानकारी के लिए पैदल मार्ग पर बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन केंद्र खोले जाएंगे। अधिक बारिश होने या मौसम खराब होने पर यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने व उनकी सही लोकेशन भी हर समय मिल सकेगी।

पिछले साल दो केंद्रों पर हुआ रजिस्ट्रेशन

केदारनाथ आपदा के बाद सुरक्षा के दृष्टिगत हालांकि गत वर्ष से बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें सोनप्रयाग व केदारनाथ में 39,000 यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया गया था। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे यात्रियों की सही लोकेशन का पता लगने में देरी हो जाती थी। इस बार प्रशासन पैदल मार्ग पर गौरीकुंड या दूसरे स्थान पर भी इस तरह का रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था कर रहा है।

प्रशासन बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन को लेकर तमिलनाडु, पश्चिमी बंगाल व कर्नाटक की कंपनियों से संपर्क साध रहा है। केदारनाथ आपदा के समय यात्रियों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित कोई व्यवस्था नहीं थी। मंदिर समिति ही अनुमानित रूप से यात्रियों की संख्या की जानकारी देती थी।

यह है बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन

इसमें व्यक्ति की फोटो, पूरा नाम पता, टेलीफोन नंबर दर्ज होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद पर्ची संबंधित व्यक्ति को दे दी जाती है। आगे बढ़ने पर अन्य स्थानों पर स्थित बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन केंद्र पर इसका सत्यापन कराकर आगे बढ़ा जाता है। इससे उक्त व्यक्ति की लोकेशन का भी पता रहता है।

विद्युत व्यवस्था होना जरूरी

बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन के लिए विद्युत व्यवस्था का होना जरूरी है। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन करने वाली कंपनियों के पास बैटरियां भी होती हैं जिससे आसानी से इनका संचालन किया जा सकता है। केदारनाथ के साथ ही गौरीकुंड में विद्युत व्यवस्था उपलब्ध है।

गत वर्ष कंपनियों ने दी थी निशुल्क सेवा

बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन करने वाली कंपनियों ने गत वर्ष आपदा के बाद निशुल्क सेवाएं दी। एक केंद्र स्थापना में लगभग 12 लाख का खर्चा आता है। कर्मचारियों की तैनाती भी कंपनी स्वयं करती है। प्रशासन कंपनियों से इस बार भी निशुल्क सेवाएं देने के संबंध में बातचीत कर रहा है।

--------------

इस बार बायोमैट्रिक रजिस्ट्रेशन केंद्र दो से बढ़ाकर तीन किए जाएंगे। पैदल मार्ग पर भी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जा रही है ताकि यात्रियों की सही लोकेशन का पता चल सके।

डॉ. राघव लंगर, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग।

chat bot
आपका साथी