पुनर्वास और हिमालय विकास नीति की मांग को लेकर उपवास पर बैठे जिपं सदस्य जगत सिंह मर्तोलिया

पुनर्वास और हिमालय विकास नीति की मांग को लेकर जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया मंगलवार को उपवास पर बैठे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 05:00 AM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 05:13 AM (IST)
पुनर्वास और हिमालय विकास नीति की मांग को लेकर उपवास पर बैठे जिपं सदस्य जगत सिंह मर्तोलिया
पुनर्वास और हिमालय विकास नीति की मांग को लेकर उपवास पर बैठे जिपं सदस्य जगत सिंह मर्तोलिया

मुनस्यारी, जेएनएन: पुनर्वास और हिमालय विकास नीति की मांग को लेकर जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया मंगलवार को उपवास पर बैठे। उन्होंने कहा कि इन बेहद महत्वपूर्ण मांगों के लिए अब गांव-गांव में संघर्ष इकाईयां गठित की जाएंगी।

अपने आवास पर उपवास में बैठे मर्तोलिया ने कहा कि हर वर्ष आपदा की मार झेलने वाले उत्तराखंड में 20 वर्षों बाद भी कोई पुनर्वास नीति नहीं बन सकी है। 1971 से आपदा की मार झेल रहे लोग आज भी पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं। तराई-भाबर में बड़ी मात्रा में जमीन बेकार पड़ी है। जिसमें प्रभावितों को बसाया जा सकता है, लेकिन इस दिशा में आज तक कोई पहल नहीं हुई है। उन्होंने आपदाओं का बड़ा कारण उत्तराखंड में हो रहे अवैज्ञानिक विकास को बताया है। उन्होंने कहा कि गलत नीतियों के चलते ही आपदाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र के लिए अलग विकास नीति बनाए जाने की जरू रत बताते हुए कहा कि अब इन दोनों मांगों के लिए संघर्ष किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक गांव में संघर्ष इकाईयां गठित की जाएंगी। सरकार को पुनर्वास और हिमालय विकास नीति बनाने के लिए बाध्य किया जाएगा।

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