दवा लेने को भी 25 किमी. दूर जाने को मजबूर मदकोट के लोग

संवाद सूत्र, मदकोट: चार वर्ष पूर्व खोले गए प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में आज तक ऐलोपैथिक चिकित्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 04:27 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 04:27 PM (IST)
दवा लेने को भी 25 किमी. दूर जाने को मजबूर मदकोट के लोग
दवा लेने को भी 25 किमी. दूर जाने को मजबूर मदकोट के लोग

संवाद सूत्र, मदकोट: चार वर्ष पूर्व खोले गए प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में आज तक ऐलोपैथिक चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई है। 30 हजार से अधिक की आबादी बुखार की दवा लेने के लिए 25 किमी. दूर तहसील मुख्यालय मुनस्यारी जाने को मजबूर है। क्षेत्र की महिलाओं की स्वास्थ संबंधी समस्याओं के समाधान के कोई इंतजाम क्षेत्र में नहीं हैं।

गोरी नदी के तट पर बसा मदकोट कस्बा वल्थी, बोना, गोल्फा, तौमिक, चौना, जोशा, गांधीनगर सहित गोरीपार दर्जनों गांवों का केंद्र बिंदु है। इन गांवों के लोगों को स्वास्थ सुविधाएं देने के उद्देश्य से चार वर्ष पूर्व प्राथमिक स्वास्थ केंद्र खोला गया था, लोगों को उम्मीद थी कि अब छोटी-छोटी बीमारियों के उपचार के लिए उन्हें तहसील मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। शुरू आत में यहां चार माह के लिए ऐलोपैथिक चिकित्सक की तैनाती भी की गई। इससे लोगों को खासी राहत मिली, लेकिन अचानक यहां तैनात चिकित्सक को मुनस्यारी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र भेज दिया गया और उनके स्थान पर आयुर्वेदिक चिकित्सक की तैनाती कर दी गई। क्षेत्र के लोगों को अब अपनी बीमारियों के उपचार के लिए तहसील मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। स्वास्थ केंद्र में महिला चिकित्सक की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते आधी आबादी का स्वास्थ रामभरोसे है।

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