राईआगर में सीएसडी कैंटीन खोलने की प्रक्रिया तेज, ले. ले. कर्नल बलवीर सिंह ने चयनित भवन का किया निरीक्षण

ले कर्नल बलवीर सिंह ने राईआगर में सीएसडी कैंटीन खोलने को चयनित भवन का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 11:22 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 11:22 PM (IST)
राईआगर में सीएसडी कैंटीन खोलने की प्रक्रिया तेज, ले. ले. कर्नल बलवीर सिंह ने चयनित भवन का किया निरीक्षण
राईआगर में सीएसडी कैंटीन खोलने की प्रक्रिया तेज, ले. ले. कर्नल बलवीर सिंह ने चयनित भवन का किया निरीक्षण

बेरीनाग, जेएनएन : गंगोलीहाट व बेरीनाग क्षेत्र के भूतपूर्व सैनिकों की वर्षाें पुरानी मुराद शीघ्र पूरी होने जा रही है। बेरीनाग व गंगोलीहाट के मध्य पूर्व में प्रस्तावित सीएसडी कैंटीन खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। मंगलवार को ले. कर्नल बलवीर सिंह ने पूर्व सैनिक संगठन द्वारा राईआगर क्षेत्र में कैंटीन खोलने को लेकर चयनित भवन का निरीक्षण किया। राईआगर में कैंटीन खुलने से क्षेत्र के 30 हजार से अधिक पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को इसका लाभ मिलेगा।

मंगलवार को ले. कर्नल बलवीर सिंह ने राईआगर क्षेत्र में कैंटीन खोलने को लेकर पूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने पूर्व सैनिकों द्वारा चयनित सीएसडी कैंटीन भवन का निरीक्षण किया और उन्होंने इस स्थान को कैंटीन के लिहाज से उपयुक्त बताया। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसमें पार्किंग मैदान बनाया जाएगा, जहां वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष एलएस डांगी ने बताया कि आगामी दो नवंबर को स्टेशन हेडक्वार्टर में क्लर्क, स्टोर कीपर, बिलिंग क्लर्क, चौकीदार का चुनाव अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। पूर्व सैनिक अपने डाक्यूमेंट के साथ आवेदन कर सकते हैं। इस मौके पर पूर्व सैनिक संगठन के पुष्कर सिंह धामी, महेश राठौर आदि मौजूद रहे।

बता दें कि बेरीनाग व गंगोलीहाट क्षेत्र में पूर्व सैनिकों की बड़ी तादात है, मगर इस क्षेत्र में अभी तक सैनिक कैंटीन नहीं है। जिस कारण पूर्व सैनिकों को 90 किमी दूर जिला मुख्यालय आना पड़ता है। मुख्यालय आने-जाने में पूर्व सैनिकों को दो दिन का खर्च करने के साथ ही आर्थिक भार भी झेलना पड़ता है। कई बार मुख्यालय की कैंटीन में सामान नहीं मिल पाने पर पूर्व सैनिकों को खाली हाथ लौटना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए पूर्व सैनिक क्षेत्र में सैन्य कैंटीन खोले जाने की मांग उठा रहे थे।

chat bot
आपका साथी