पिथौरागढ़ होटल एसोसिएशन ने अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की

होटल एसोसिएशन की अध्यक्ष राजेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। जिसमें अंकिता हत्याकांड पर दुख जताते हुए दो मिनट का मौन रखकर अंकिता भंडारी को शोक श्रद्धांजलि दी गई। इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार से सीबीआइ जांच की मांग की गई।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 30 Sep 2022 02:38 PM (IST) Updated:Fri, 30 Sep 2022 02:38 PM (IST)
पिथौरागढ़ होटल एसोसिएशन ने अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की
पिथौरागढ़ होटल एसोसिएशन ने अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की

पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : पिथौरागढ़ होटल एसोसिएशन ने अंकिता हत्याकांड की सीबीआइ जांच की मांग की है। वर्तमान में होटलों में सत्यापन के दौरान किए जा रहे जुर्माने की राशि को अत्यधिक बताया है। सत्यापन के नाम पर उत्पीडऩ नहीं होने पर होटल बंद करने की धमकी दी है।

होटल एसोसिएशन की अध्यक्ष राजेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। जिसमें अंकिता हत्याकांड पर दुख जताते हुए दो मिनट का मौन रखकर अंकिता भंडारी को शोक श्रद्धांजलि दी गई। इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार से सीबीआइ जांच की मांग की गई। बैठक में सभी होटल स्वामियों से आगंतुकों और होटल स्टाफ का सत्यापन हर हालत में करने का निर्णय लिया गया। इस मौके पर होटल स्वामियों ने अपना दुख भी व्यक्त किया।

होटल स्वामियों का कहना था कि पुलिस प्रशासन द्वारा सत्यापन के नाम पर होटल स्वामियों को जलील किया जा रहा है। उनका कहना था कि सत्यापन आवश्यक है परंतु इसके लिए होटल मालिकों को कम से कम तीस दिन का समय दिया जाना चाहिए। होटल व्यवसायियों की कमर कोविड ने तोडृ दी थी । इधर अब होटल व्यवसाय थोड़ा पटरी पर आ रहा था तो पहाड़ पर वर्षा से मार्ग बंद होने से स्थिति खराब है।

कोविड काल में बेरोजगार होकर लौटे युवाओं को होटल स्वामियों ने रोजगार दिया था। हालात ऐसे हैं कि अब बिजली, पानी का बिल जुटाना मुश्किल हो रहा है। ऊपर से सत्यापन के नाम दस हजार रु पए से अधिक का चालान किया जा रहा है। जिसे उत्पीडऩ बताया गया। होटल व्यवसायियों ने शासन से मांग की कि सत्यापन के नाम पर किए जा रहे उत्पीडऩ से होटल स्वामी आहत हैं। यदि इस तरह के सत्यापन पर रोक नहीं लगी तो होटल स्वामी अपने होटल बंद कर देंंगे।

बैठक में पवन जोशी, राजेश शर्मा, राम सिंह , ललित मोहन कापड़ी, देवेंद्र बिष्ट, अनिल मेहरा, रक्षित अग्रवाल, जगदीश पांडेय , मोहन नगरकोटी, दिनेश नगरकोटी, किरण जोशी,प्रकाश नगरकोटी, ललित खत्री आदि ने विचार रखे ।

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