मार्ग की मरम्मत न होने से बरम से कनार पहुंचना अभी भी मुश्किल

बरम से कनार 16 किमी मार्ग बदहाल है। जिस कारण अभी भी बरम से कनार पहुंचना मुश्किल है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 11:10 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 11:10 PM (IST)
मार्ग की मरम्मत न होने से बरम से कनार पहुंचना अभी भी मुश्किल
मार्ग की मरम्मत न होने से बरम से कनार पहुंचना अभी भी मुश्किल

बरम (पिथौरागढ़), जेएनएन : बरम से कनार 16 किमी मार्ग बदहाल है। मानसून काल में तीन बार की आपदा में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर ध्वस्त मार्ग की चार माह बीतने के बाद भी मरम्मत नहीं हुई है। अति दुर्गम गांव कनार की लगभग सात सौ की आबादी अभी भी आपदा काल जैसे हालात में जी रही है।

तहसील बंगपानी का कनार गांव सड़क से 16 किमी की चढ़ाई पर स्थित है। इस गांव का बाजार बरम है। वाहन पकड़ने के लिए ग्रामीणों को 16 किमी पैदल चल कर पहुंचना पड़ता है। इंटर के छात्र -छात्राओं को पढ़ने के लिए प्रतिदिन 32 किमी का फेरा लगाना पड़ता है। डाक विभाग का हरकारा भी रोज इतना चल कर डाक लाता और ले जाता है। ग्रामीणों को उपचार के लिए भी 16 किमी दूर बरम आना पड़ता है। ग्रामीणों के नसीब में मात्र एक पैदल मार्ग है। इस पैदल मार्ग को आपदा ने तहस नहस कर दिया है। चार माह पूरे होने को आए मार्ग की किसी ने सुध तक नहीं ली है। ====== भक्तों को झेलनी पड़ी दिक्कत छिपलाकेदार पर्वतमाला में स्थित कनार गांव में भगवती कोकिला का प्रसिद्ध मंदिर है। नवरात्र में भक्त यहां पूजा के लिए पहुंचे । बरम सहित आसपास के गांवों की कुलदेवी कनार की कोकिला हैं। मार्ग खराब होने से भक्तों को 16 किमी का पैदल मार्ग पार करने में दस घंटे से अधिक का समय लगा। जिसे लेकर जनता में गहरा रोष व्याप्त है।

===== ग्रामीणों ने दी आंदोलन की धमकी कनार के ग्रामीणों ने पैदल मार्ग की अब तक मरम्मत नहीं होने पर गहरा रोष जताया है। इसे प्रशासन की क्षेत्र के प्रति उपेक्षा बताया है। क्षेत्र पंचायत सदस्य कनार महेंद्र बुदियाल ने कहा है कि शीघ्र यदि पैदल मार्ग की मरम्मत नहीं हुई तो जनता सड़कों पर उतरेगी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जहां लोग सड़कों पर वाहन से पहुंच रहे हैं वहीं कनार गांव के ग्रामीण पैदल मार्ग को तरस रहे हैं। ===== कनार मार्ग के संबंध में संबंधित विभाग को निर्देश दिए जा रहे हैं। मार्ग की शीघ्र मरम्मत कर दुरु स्त किया जाए।

- एके शुक्ला, एसडीएम, धारचूला ============

सड़क की राह देखते-देखते पथरा गई आंखें

संवाद सूत्र, गंगोलीहाट: तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत वलीगांव, सुतार गांव, राकड़, सौण, कपतड़, भगड़ा, रेगल के ग्रामीण अभी तक सड़क सुविधा से वंचित हैं। सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परेशान ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक से शीघ्र इन गांवों तक सड़क पहुंचाने की मांग की है।

क्षेत्रीय विधायक मीना गंगोला को दिए गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र की जनता लंबे समय से सड़क की मांग कर रही है। वर्ष 1995 में तत्कालीन विधायक कृष्ण चंद्र पुनेठा ने क्षेत्र के ग्रामीणों को सड़क निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन 25 वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जाति योजनांतर्गत क्षेत्र में सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी। स्वीकृति के बाद भी विभाग द्वारा अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि सड़क के अभाव में गांव से तेजी से पलायन हो रहा है। ग्रामीणों को बीमार, वृद्ध, गर्भवती महिलाओं को आज भी डोली में बिठाकर सड़क तक लाना पड़ता है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शंकर सिंह बोरा ने विधायक से ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए अपने स्तर से अविलंब सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की। ज्ञापन में ग्राम प्रधान दीपा देवी, सरपंच कृष्ण राम आदि हस्ताक्षर किए हैं।

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