INDO-NEPAL BORDER : नेपाल की तरफ से 7 बार हो चुका है पथराव, कहीं मित्रता में खटास घोलने की साजिश तो नहीं!

INDO-NEPAL BORDER ऐसा लगता है कि नेपाल में कुछ तत्व भारत नेपाल के मुधर संबंधों में खटास डालने का प्रयास कर रहे हैं। भारत की तरफ जब से तटबंध निर्माण हो रहा है तब से आज तक नेपाल की तरफ से सात बार पथराव हो चुका है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 05 Dec 2022 08:30 AM (IST) Updated:Mon, 05 Dec 2022 08:30 AM (IST)
INDO-NEPAL BORDER : नेपाल की तरफ से 7 बार हो चुका है पथराव, कहीं मित्रता में खटास घोलने की साजिश तो नहीं!
INDO-NEPAL BORDER : नेपाल की तरफ से 7 बार हो चुका है पथराव

संवाद सूत्र, धारचूला : INDO-NEPAL BORDER : काली नदी भारत और नेपाल की सीमा रेखा है। काली नदी में नेपाल की तरफ सुरक्षा के लिए तटबंध निर्माण हो चुका है। इधर अब भारत की तरफ तटबंध निर्माण हो रहा है।

भारत की तरफ जब से तटबंध निर्माण हो रहा है तब से आज तक नेपाल की तरफ से सात बार पथराव हो चुका है। ऐसा लगता है कि नेपाल में कुछ तत्व भारत नेपाल के मुधर संबंधों में खटास डालने का प्रयास कर रहे हैं।

नेपाल में वर्ष 2013 की आपदा के बाद काली नदी के कटाव से बचने के लिए मजबूत तटबंधों का निर्माण किया गया है। भारत में काली नदी के कटाव से खतरे में आ चुके धारचूला नगर को बचाने के लिए 76 करोड़ की लागत से तटबंध निर्माण किया जा रहा है।

दी किनारे कार्य के दौरान पथराव करते हैं नेपाल के लोग

भारत में तटबंध निर्माण कार्य को लेकर नेपाल के कुछ लोग इससे नेपाल में खतरा बताते हुए अपना विरोध जता रहे हैं। विरोध स्वरूप में भारत में नदी किनारे कार्य के दौरान पथराव करते हैं। वहीं काली नदी किनारे खड़े होकर विरोध प्रदर्शन भी करते हैं।

जबकि वास्तविकता यह है कि भारत में तटबंध बनने से नेपाल की तरफ किसी तरह का खतरा प्रतीत नहीं होता है। वहां पर पूर्व से ही मजबूत सुरक्षात्मक कार्य हो चुका है। बीते सप्ताह ही नेपाल द्वारा मानसून काल में बादल फटने से काली नदी किनारे जमा मलबा नहीं हटाए जाने से तटबंध निर्माण का कार्य प्रभावित हुआ।

यह भी पढ़ें : INDO-NEPAL BORDER: नेपाल की तरफ से भारतीय सीमा में पत्‍थरबाजी, एक जख्‍मी, काम छोड़कर भागे मजदूर

ढाई घंटे पुल बंद रहने पर चार बारात फंस गईं

एसडीएम धारचूला दिवेश शाशनी ने नेपाल जाकर दार्चुला प्रशासन से वार्ता की थी। इस तरह की हरकतें होने से प्रशासन को भी बार-बार नेपाल प्रशासन से वार्ता करनी पड़ रही है।

रविवार को ही जिस तरह की हरकत हुई उससे ढाई घंटे पुल बंद रहने पर चार बारात फंस गईं। जिसमें तीन बारात भारत से नेपाल गई थी और एक बारात नेपाल से भारत आई थी। पुल बंद होने से बाराती दोनों तरफ पुल के पास फंसे रहे।

नेपाल में कुछ तत्वों द्वारा बार-बार इस तरह की हरकतों से सीमा पर आक्रोश भी बना है। जिससे पारंपरिक मित्रता भी प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है। इस दौरान आपस में कटुतापूर्ण बातों से भी तनाव बढ़ने के आसार नजर आते हैं।

chat bot
आपका साथी