लोगों के घरों तक एटीएम सुविधा पहुंचाएगा ग्रामीण बैंक

पिथौरागढ़ में ग्रामीण बैंक ने लोगों को घर तक ही एटीएम की सुविधा देने के लिए मोबाइल एटीएम शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 09:45 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 09:45 PM (IST)
लोगों के घरों तक एटीएम सुविधा पहुंचाएगा ग्रामीण बैंक
लोगों के घरों तक एटीएम सुविधा पहुंचाएगा ग्रामीण बैंक

संस, पिथौरागढ़: ग्रामीण बैंक ने लोगों को घर तक ही एटीएम की सुविधा देने के लिए मोबाइल एटीएम शुरू कर दिया है। मोबाइल एटीएम नगर के विभिन्न क्षेत्रों में घुमाया जा रहा है। इससे लोगों को घर के पास ही नकदी निकालने की सुविधा मिल जा रही है।

ग्रामीण बैंक के प्रबंधक विजय भंडारी ने बताया कि बुजुर्गो, महिलाओं और दिव्यांग खाताधारकों को एटीएम तक आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार लोगों के पास धनराशि निकालने के लिए समय का अभाव होता है। इन समस्याओं को देखते हुए बैंक ने मोबाइल एटीएम सुविधा शुरू की है। बैंक का मोबाइल एटीएम प्रतिदिन सिमलगैर बाजार, घंटाकरण, सिल्थाम तिराहा, बिण, एपीएस तिराहा, कुमौड़ तिराहा, रोडवेज बस स्टेशन, अपटेक तिराहा भेजा जा रहा है। प्रतिदिन विभिन्न बैंकों के सैकड़ों खाताधारक इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। बैंक भविष्य में इस सेवा का विस्तार करेगा।

पिथौरागढ़: जिले का ट्रामा सेंटर महिला चिकित्सालय में बनेगा। जिला चिकित्सालय में जगह की कमी के चलते इसे महिला चिकित्सालय परिसर में बनाने का निर्णय स्वास्थ विभाग ने लिया है।

ट्रामा सेंटर पूर्व में ही स्वीकृत है। पहले इसे जिला चिकित्सालय परिसर में बनाया जाना था, लेकिन जिला चिकित्सालय परिसर में जगह की कमी के चलते समस्या बनी हुई थी। जिले में आपातकालीन स्थिति वाले मरीजों और बढ़ती वाहन दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को तत्काल समुचित उपचार की आवश्यकता को देखते हुए ट्रामा सेंटर बेहद जरूरी माना जाता रहा था। इसे देखते हुए स्वास्थ विभाग ने अब महिला चिकित्सालय में ट्रामा सेंटर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए 3.45 करोड़ का प्रस्ताव बनाय गया है। जिला चिकित्सालय से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित महिला चिकित्सालय में ट्रामा सेंटर बनाए जाने से मरीजों को किसी तरह की असुविधा नहीं होगी। प्रस्तावित धनराशि में महिला चिकित्सालय में बेड की संख्या बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। महिला चिकित्सालय में स्वीकृत 62 बेड के स्थान पर वर्तमान में मात्र 42 बेड का ही संचालन हो पा रहा है। कुछ कमरों में बच्चों के लिए वार्ड बनाए जाने से इस तरह की समस्या पैदा हुई है।

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