कफोलस्यूं क्षेत्र में पेयजल को हाहाकार

संवाद सहयोगी, पौड़ी: कफोलस्यूं पट्टी के कई गांवों में लंबे समय से पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। ग

By Edited By: Publish:Mon, 17 Nov 2014 01:03 AM (IST) Updated:Mon, 17 Nov 2014 01:03 AM (IST)
कफोलस्यूं क्षेत्र में पेयजल को हाहाकार

संवाद सहयोगी, पौड़ी: कफोलस्यूं पट्टी के कई गांवों में लंबे समय से पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। ग्रामीण गदेरे के संक्रमित पानी से प्यास बुझाने को मजबूर हैं। समाधान की दिशा में कोई पहल न होने से ग्रामीणों में रोष बना हुआ है।

विकास खंड कल्जीखाल के अंतर्गत कफोलस्यूं के कई गांवों के लोग इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। खासतौर पर तोली व निलड़ गांव की स्थिति तो बद से बदतर है। उक्त गांवों में मासौं गदेरे योजना से जलापूर्ति होती है। लेकिन आपदा से क्षतिग्रस्त हुई इस योजना पर अभी तक पानी नहीं चल पाया है। तोली के प्रधान राम कुमार, मदन सिंह आदि ग्रामीणों के मुताबिक योजना पर पानी न आने के कारण उन्हें गदेरे के पानी से प्यास बुझानी पड़ रही है। पानी के इंतजाम में ग्रामीणों का अधिकांश वक्त जाया हो रहा है। समाधान के लिए जल संस्थान से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगाई लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई।

प्रभावित गांव-परिवार

तोली- 120

निलड़- 30

लाखों खर्च नतीजा सिफर

जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी बिष्ट ने बताया कि आपदा में क्षतिग्रस्त हुई मासौं गदेरा मासौं तोली पेयजल योजना पर हाल ही में आपदा मद से चौदह लाख की राशि खर्च की गई। लेकिन इसके बाद भी लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। जांच की मांग को लेकर उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष से भी शिकायत की है।

परेशान ग्रामीणों ने जिला पंचायत अध्यक्ष को घेरा

पानी के संकट से जूझ रहे तोली गांव के ग्रामीणों ने क्षेत्र भ्रमण पर आई जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत का घेराव किया। अध्यक्ष ने गांव से ही जिलाधिकारी को फोन पर जल्द समाधान कराने की बात कही। डीएम ने दस दिन के भीतर समस्या के हल का भरोसा दिया। तब जाकर ग्रामीण शांत हुए। घेराव में शामिल महिला मंगलदल अध्यक्ष मातवरी देवी, असरफी देवी, नेत्र सिंह, आनंद सिंह, मदन सिंह, पंचायत प्रधान रामकुमार आदि ने कहा कि दस दिन के भीतर समाधान नहीं हुआ तो वह जिला पंचायत में धरना शुरू करेंगे।

'क्षेत्र में हुए सड़क निर्माण के मलवे से मासौं तोली पेयजल योजना की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। मरम्मत के लिए लोनिवि को निर्देश दिए गए हैं। उसके बाद ही व्यवस्था दुरस्त हो पाएंगी।'

एसपी पेटवाल, ईई पेयजल निगम पौड़ी

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