घोड़े और गैंडे के पूर्वज एक ही निकले

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : घोड़े और गैंडे में आप चाहे जितनी विषमताएं तलाशें, लेकिन वैज्ञानिकों

By Edited By: Publish:Sun, 23 Nov 2014 12:39 AM (IST) Updated:Sun, 23 Nov 2014 12:39 AM (IST)
घोड़े और गैंडे के पूर्वज एक ही निकले

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल : घोड़े और गैंडे में आप चाहे जितनी विषमताएं तलाशें, लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि दोनों के पूर्वज एक ही थे। सूरत (गुजरात) के पास वास्थान गांव में कोयले की खदान से मिले 5.45 करोड़ साल पुराने जीवाश्म इसी ओर इशारा कर रहे हैं। जिस जानवर का यह जीवाश्म है, वैज्ञानिकों ने उसे कैम्बेथीरियम नाम दिया है। खोपड़ी, हड्डियां और दांत के अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि इसका आकार सुअर जैसा रहा होगा।

जीवाश्म पर शोध कर रही टीम के सदस्य हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक प्रो. आरएस राणा ने बताया कि अब यह सिद्ध हो चुका है कि कैम्बेथीरियम ही घोड़े और गैंडे का पूर्वज है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों का यह निष्कर्ष अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्र नेचर कम्युनिकेशन के 20 नवम्बर के अंक में प्रकाशित हो चुका है। प्रो. राणा के अनुसार कैम्बेथीरियम का आकार भले ही सुअर के जैसा रहा हो, लेकिन इसका वजन 20 से 35 किलोग्राम के आसपास रहा होगा। उन्होंने बताया कि इससे मिलते-जुलते जीवाश्म अफ्रीका के मेडागास्कर में भी मिले हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि करोड़ों साल पहले भारत और अफ्रीका महाद्वीप जुड़े हुए थे, तब ये जानवर एक से दूसरे महाद्वीप में विचरते रहे होंगे। उन्होंने बताया कि अभी वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं, उम्मीद है कि इससे कुछ और रोचक तथ्य सामने आएंगे। टीम में लखनऊ के सेवानिवृत्त प्रो. अशोक साहनी, वाडिया इंस्टीट्यूट देहरादून के डा. किशोर, अमेरिका के प्रो. केनरोच व प्रो. ल्यूहालब्रेक और बेल्जियम के डा. थेरी स्मिथ व डा. पीटर मैसियन शामिल हैं।

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