नवजात का जीवन बचाने को लगाई 60 किमी दौड़

रक्तदान-महादान। रक्त की एक-एक बूंद जीवन के लिए कितनी उपयोगी होती है प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत ग्राम चपड़ेत निवासी संगीता देवी से बेहतर ही कोई जानता हो।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:28 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 10:28 PM (IST)
नवजात का जीवन बचाने को लगाई 60 किमी दौड़
नवजात का जीवन बचाने को लगाई 60 किमी दौड़

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: रक्तदान-महादान। रक्त की एक-एक बूंद जीवन के लिए कितनी उपयोगी होती है, प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत ग्राम चपड़ेत निवासी संगीता देवी से बेहतर ही कोई जानता हो। बिजनौर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती संगीता के नवजात की प्लेटलेट्स लगातार गिर रही थी। बिजनौर में ए-पाजीटिव रक्त की व्यवस्था नहीं हो पाई तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कोटद्वार में गुहार लगाई। कोटद्वार निवासी दीपक तरूआ ने सोचने में समय बर्बाद किए बिना अपना वाहन लिया और 60 किमी की दूरी तयकर बिजनौर रक्तदान करने पहुंच गए।

चपड़ेत निवासी संगीता देवी ने बीती दस जुलाई को कोटद्वार के बेस चिकित्सालय में एक शिशु को जन्म दिया। संगीता देवी के पति भरत सिंह सेना में तैनात हैं और वर्तमान में उनकी तैनाती दिल्ली में है। बेस चिकित्सालय में शिशु का चिकित्सकों ने परीक्षण किया तो शिशु में प्लेटलेट्स की कमी पाई गई। चिकित्सकों ने बच्चे को बाहर ले जाने की सलाह दी। इसके बाद स्वजन संगीता व नवजात को लेकर 13 जुलाई को उत्तर प्रदेश के बिजनौर पहुंचे और बच्चे को एक निजी चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया। बच्चे को ए-पाजीटिव रक्त चढ़ना था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी व्यवस्था नहीं हो पाई। ऐसे में स्वजन ने कोटद्वार स्थित अपने परिचितों से गुहार लगाई। प्रयास रंग लाए और सिनेमा रोड निवासी दीपक बरूआ तक बात पहुंची। फिर क्या था, दीपक बिजनौर पहुंचे और बच्चे के लिए रक्तदान किया। हालांकि, बाद में चिकित्सालय प्रशासन ने बच्चे को ऋषिकेश एम्स के लिए रेफर कर दिया। लेकिन, नवजात की माता संगीता सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने दीपक के इस समर्पण की प्रशंसा की।

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