पार्क में सुबह-शाम की गश्त पर लगा प्रतिबंध

संवाद सूत्र, कालागढ़ कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व में रविवार को वन रक्षक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 07:30 PM (IST) Updated:Thu, 24 Oct 2019 06:28 AM (IST)
पार्क में सुबह-शाम की गश्त पर लगा प्रतिबंध
पार्क में सुबह-शाम की गश्त पर लगा प्रतिबंध

संवाद सूत्र, कालागढ़

कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व में रविवार को वन रक्षक पर बाघ द्वारा किए गए हमले के बाद पार्क प्रशासन वन कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चितित हो गया है। पार्क प्रशासन ने जहां एक ओर वन कर्मियों को गश्त के लिए विशेष ट्रेनिग देने की तैयारी में है, वहीं पार्क क्षेत्र में सुबह-शाम की गश्त पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

बताते चलें कि रविवार को कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पलेन रेंज के अंतर्गत चौबेली बीट में बाघ ने वन आरक्षी राजेश सिंह नेगी को उस वक्त निवाला बना दिया, जब शाम करीब साढ़े चार बजे राजेश अपने दो साथियों के साथ जंगल में गश्त कर वापस चौकी की ओर लौट रहा था। इससे पूर्व, इसी रेंज में जुलाई माह में बाघ ने वन वॉचर सोहन सिंह को और अगस्त माह में ढिकाला रेंज में वन रक्षक बिशन राम को निवाला बना दिया था। चार माह में बाघ के तीन हमलों से पार्क प्रशासन के माथे पर चिता की लकीरें खिच गई। इधर, बाघ के आदमखोर होने की संभावना के चलते वनकर्मी भी गश्त पर निकलने में खतरा महसूस कर रहे हैं।

पार्क के निदेशक राहुल ने बताया कि रविवार को जिस वक्त घटना हुई, वन कर्मी चौकी से आठ किमी दूर थे। ऐसे में चौकी तक पहुंचने में उन्हें अंधेरा होना तय था और अंधेरे में वन्य जीवों के हमले का खतरा बढ़ जाता है। बताया कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए दिन ढलने से पहले गश्त सूर्य की तेज रोशनी में ही कराए जाने का निर्णय लिया गया है। बताया कि वनकर्मियों की ओर से डंडे की जगह भाला दिए जाने की मांग की गई थी, जिस पर प्रमुख वन संरक्षक ने मौखिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। बताया कि जल्द ही डंडेरूपी भाले का डिजाइन तैयार कर उसे वन कर्मियों को दिया जाएगा। पार्क निदेशक ने बताया कि जंगली बटियाओं के दोनों ओर की झाड़ियों को साफ कर सुरक्षित बनाया जाएगा। रेंज अधिकारियों को अपने स्टाफ से वार्ता कर सुरक्षा को लेकर सुझाव लेने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि पार्क क्षेत्र में तैनात वन कर्मियों को गश्त के लिए तीन-दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। साथ ही समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाया जाएगा।

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