तीसरे दिन भी नहीं लौटे श्रीनगर एनआइटी छात्र, अभिभावक भी अड़े

एनआइटी प्रशासन द्वारा छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को ई मेल से भेजे गए सूचना आग्रह के जवाब में कुछ अभिभावकों ने छात्रों के आंदोलन को समर्थन भी दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 25 Oct 2018 08:23 PM (IST) Updated:Fri, 26 Oct 2018 08:17 AM (IST)
तीसरे दिन भी नहीं लौटे श्रीनगर एनआइटी छात्र, अभिभावक भी अड़े
तीसरे दिन भी नहीं लौटे श्रीनगर एनआइटी छात्र, अभिभावक भी अड़े

श्रीनगर गढ़वाल, पौड़ी [जेएनएन]: एनआइटी के 900 छात्र-छात्राओं के संस्थान छोडऩे के मसले का दो दिन बाद भी समाधान नहीं हो सका है। बीस अभिभावकों ने संस्थान के ईमेल का जवाब भेजा है, जिसमें उन्होंने चेतावनी को नजरंदाज करते हुए छात्र-छात्राओं के आंदोलन को न केवल समर्थन दिया है बल्कि कोर्ट तक जाने की चेतावनी दी है। एनआइटी काउंसिल ऑफ स्टूडेंट एक्टिविटी के उपाध्यक्ष विकास कुमार से दूरभाष पर राजस्थान के एक अभिभावक ने तो साफ कह दिया कि समस्या का यदि शीघ्र समाधान न हुआ तो वह कोर्ट की शरण लेंगे। 

एनआइटी के स्थायी परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने के साथ ही श्रीनगर से अस्थायी कैंपस को अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग को लेकर आंदोलित 900 छात्र दो दिन पहले संस्थान छोड़कर घर चले गए थे। एनआइटी प्रशासन को इन छात्रों ने ढांचागत सुविधाएं मुहैया न होने तक संस्थान न लौटने की सूचना ई मेल से दी थी। इस पर एनआइटी प्रशासन ने बिना इजाजत संस्थान छोड़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को ईमेल भेजकर लौटने का अनुरोध किया था। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई का डर भी दिखाया था, लेकिन अभिभावक भी अपने पाल्यों के समर्थन में उतर आए हैं। बीस अभिभावकों ने तो बाकायदा ईमेल का जवाब भी भेजा है, जिसमें उन्होंने छात्र आंदोलन का समर्थन किया है। अभिभावकों के ईमेल की पुष्टि खुद एनआइटी श्रीनगर के प्रभारी निदेशक डॉ. आरबी पटेल ने भी की है।

दूसरी ओर एनआइटी उत्तराखंड श्रीनगर के स्थायी परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराने को लेकर आंदोलन कर चुके  प्रगतिशील जन मंच ने गुरुवार को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर ढांचागत सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी एनआइटी के स्थानांतरण का विरोध किया है।स्थायी कैंपस समेत अन्य मांगों का समाधान जल्द

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि श्रीनगर एनआइटी मसले का जल्द समाधान होगा। स्थायी कैंपस के लिए वैकल्पिक भूमि का चयन किया जा चुका है। वहीं अस्थायी कैंपस से जुड़ी समस्याओं का आगामी आठ-दस दिन में समाधान हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के साथ मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। 

वहीं, श्रीनगर से एनआइटी को हटाए जाने की मुहिम के चलते वहां विवाद को तूल दिया जा रहा है, यह अंदेशा किसी और को नहीं, बल्कि राज्य सरकार को है। इस वजह से गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि एनआइटी को पहाड़ से हटाने को लेकर जो लोग गलत इरादा रखते हैं, उन्हें संभल जाना चाहिए। सरकार किसी दबाव में कार्य नहीं करेगी।राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात के दौरान मांग की  कि तत्काल छात्रों को सुरक्षित परिसर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। 

वहीं एनआइटी मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार के रुख से नया मोड़ आ गया है। राज्य सरकार एनआइटी विवाद के पीछे इस अहम राष्ट्रीय संस्थान को पर्वतीय क्षेत्र से अन्यत्र ले जाने को दबाव बनाने की रणनीति देख रही है। श्रीनगर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और क्षेत्रीय विधायक व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत ने ऐसी किसी भी कोशिश को लेकर आगाह किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एनआइटी का अस्थायी परिसर श्रीनगर में ही रहेगा। स्थायी परिसर के लिए भी जमीन शीघ्र उपलब्ध कराई जा रही है। 

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