लोग न शिकायत, सुनवाई पूरी

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: मालन व सुखरो नदियों में चुगान की अंतिम मंजूरी से पूर्व आयोजित लोक सुनवाई बिन

By Edited By: Publish:Tue, 21 Oct 2014 05:15 PM (IST) Updated:Tue, 21 Oct 2014 05:15 PM (IST)
लोग न शिकायत, सुनवाई पूरी

संवाद सहयोगी, कोटद्वार: मालन व सुखरो नदियों में चुगान की अंतिम मंजूरी से पूर्व आयोजित लोक सुनवाई बिना शिकायत व सुझाव के संपन्न हो गई। डीएम की अध्यक्षता में आयोजित लोक सुनवाई कार्यक्रम में सरकारी अमला तो जुटा, लेकिन शिकायत करने वाले मौजूद नहीं रहे। नतीजा, लोक सुनवाई कार्यक्रम महज खानापूर्ति साबित हुआ।

क्षेत्र की सुखरो व मालन नदी पर चुगान की मंजूरी के लिए अंतिम स्तर पर चल रही कवायद के तहत जनता की आपत्ति व सुझाव के लिए उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एंव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पनियाली वन विश्राम गृह व मोटाढाक में लोक शिकायत कार्यक्रम का आयोजन किया है। हैरानी की बात यह रही कि जिलाधिकारी चंद्रशेखर भट्ट की अध्यक्षता में पनियाली में आयोजित लोक शिकायत कार्यक्रम जनता के न पहुंचने के लिए करीब एक घंटे बाद शुरू हुआ। हालत यह रही कि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कर्मियों को आपत्ति व सुझाव दर्ज करने के लिए कई मर्तबा अपील करते दिखे, लेकिन पनियाली में संपन्न हुई लोक सुनवाई में एक भी लिखित शिकायत दर्ज नहीं हुई। अलबत्ता चुगान के प्रस्तावित क्षेत्र पर दो लोगों ने मौखिक रूप से सुखरो को चुगान के लिए खोलने की हिमायत की।

उधर, मालन में चुगान खोलने के लिए प्राथमिक विद्यालय मोटाढाक में स्थिति थोड़ी बेहतर रही। यहां 50-60 की तादाद में जनता मौजूद रही। इस अवसर पर डीएफओ नितेशमणि त्रिपाठी, एसडीएम जीआर बिनवाल, वन विकास निगम के आरएम एमपीएस रावत, डीएसएम रतनपाल सिंह, डीएलएम डीके शाह, बीडीओ हरिसुधा रावत, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक पीके शाह आदि मौजूद रहे। संचालन उत्तराखंड प्रदूषण एंव नियंत्रण बोर्ड के असिस्टेंट साइंटिफिक ऑफिसर डॉ.अजीत सिंह ने किया।

दूरभाष पर आमंत्रण, फिर भी नहीं पहुंचे

पनियाली में हुई लोक सुनवाई के लिए मौके पर पहुंचे सरकारी अमले को आपत्ति सुनने के लिए घंटो इंतजार करना पड़ा। हाल यह रहे कि कई अधिकारी फोन पर लोगों को लोक सुनवाई में आमंत्रित करते दिखे। हालांकि, पनियाली में आयोजित लोक सुनवाई में अधिकारियों की यह पहल भी रंग नहीं लाई। कार्यवाही रजिस्टर में दर्ज 48 लोगों में से नब्बे प्रतिशत सरकारी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी व मीडिया से जुड़े लोग रहे।

जरूरी है लोक सुनवाई

लैंसडौन वन प्रभाग के अंतर्गत बहने वाली मालन व सुखरो में प्रस्तावित चुगान स्थल पड़ोसी राज्य की सीमा के निकट है, जो 'ए' कैटेगिरी में आता है। लिहाजा चुगान के लिए उत्तराखंड वन विकास निगम की ओर से प्रस्तावित इस क्षेत्र में अंतिम मंजूरी केंद्रीय वन एंव पर्यावरण मंत्रालय से मिलनी है। लोक सुनवाई की रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्रीय वन मंत्रालय की मंजूरी मिलनी है, लेकिन सुनवाई में लोगों की भागीदारी ना के बराबर होने से चुगान की कवायद को झटका लगने का अंदेशा पैदा हो गया है।

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