मंजूघोषेश्वर में चढ़ाए 22 निशान

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: पट्टी रावतस्यूं के कांडा गांव में सिद्धपीठ मंजूघोषेश्वर महादेव म

By Edited By: Publish:Fri, 24 Oct 2014 06:12 PM (IST) Updated:Fri, 24 Oct 2014 06:12 PM (IST)
मंजूघोषेश्वर में चढ़ाए 22 निशान

जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल:

पट्टी रावतस्यूं के कांडा गांव में सिद्धपीठ मंजूघोषेश्वर महादेव मंदिर परिसर में दो दिवसीय प्राचीन मंजीन कांडा मेला शुक्रवार से शुरू हो गया। मेले के पहले दिन प्रात: सात बजे से ही श्रद्धालुओं ने मंदिर में आकर पूजा अर्चना की। मनौतीपूर्ण होने पर मंजूघोषेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालु निशान (झंडा) चढ़ाते हैं। कांडा मेले के पहले दिन 22 निशान चढ़ाए गए। पहला निशान दोपहर एक बजे हिसरियाखाल से पहुंचा। श्रद्धालु ढोल दमाऊं और गाजे बाजे के साथ निशान लेकर मेला पहुंचते हैं।

कांडा मेले के पहले दिन महिलाओं की भी संख्या अधिक देखी गई। मंदिर पुजारी प्रेमलाल भट्ट ने पूजा अर्चना की। मंजूघोषेश्वर महादेव मंदिर में मनौती को लेकर पूजा अर्चना करने को लेकर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। मंजूघोषेश्वर महादेव मजीन कांडा सेवा समिति के उपाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद भट्ट ने बताया कि मेले के पहले दिन श्रद्धालुओं की ओर से 22 निशान महादेव को चढ़ाए गए। सूर्यास्त के बाद निशान नहीं चढ़ते हैं। उपजिला मजिस्ट्रेट रजा अब्बास और पुलिस उपाधीक्षक सीएल तितियाल तथा श्रीनगर कोतवाल उत्तम सिंह पुलिस बल के साथ शुक्रवार को तड़के से ही मेला स्थल पर मौजूद रहे। मेले में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर एक प्लाटून पीएसी के साथ ही श्रीनगर पौड़ी से अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात था।

मनौती पूर्ण होने पर भैंसे और बकरे की बलि देने को लेकर गढ़वाल का कांडा मेला मशहूर था। क्षेत्र की जनता और श्रद्धालुओं की जागरूकता से वर्ष 2003 में कांडा मेले में पशुबलि प्रथा बंद हुई। इसमें कांडा सेवा समिति और मंदिर पुजारियों का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। पशु बलि प्रथा बंद होने के बाद नारियल और अक्षत आदि से पूजा अर्चना की जा रही है।

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