अब बाइक सवार के खून के प्‍यासे हुए गुलदार

जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्रों में आशियाना तलाश रहे गुलदार अब और भी खूंखार हो गए हैं। यहां तक कि सड़कों पर चले रहे दोपहिया वाहनों पर भी गुलदार हमला करने से नहीं चूक रहे हैं।

By sunil negiEdited By: Publish:Thu, 03 Sep 2015 03:22 PM (IST) Updated:Thu, 03 Sep 2015 03:36 PM (IST)
अब बाइक सवार के खून के प्‍यासे हुए गुलदार

पौड़ी। जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्रों में आशियाना तलाश रहे गुलदार अब और भी खूंखार हो गए हैं। यहां तक कि सड़कों पर चले रहे दोपहिया वाहनों पर भी गुलदार हमला करने से नहीं चूक रहे हैं। एेसा ही एक मामला सामने आया है, जहां गुलदार ने दोपहिया वाहन सवार पर हमला कर दिया। वाहन सवार ने गुलदार का सामना किया और और अपने साथी की भी जान बचाई।

मगर इसी के साथ ही गुलदार के इस तरह के हमले की आशंका बढ़ गई है। क्योंकि जरूरी नहीं कि अगली बार जिस शख्स पर गुलदार हमला करे, वह पहले युवक जैसा बहादुर हो। ऐसे में उसकी जान जानी तय है। पौड़ी जनपद में मानव और जंगली जानवरों के बीच चला आ रहा खूनी संघर्ष किसी से छिपा नहीं है, लेकिन अब जंगली जानवर इस कदर जन के जान के दुश्मन बने हुए हैं कि सड़कों पर दौड़ रहे दो पहिया वाहनों पर सवार लोगों पर हमलावर हो जा रहे हैं।

कुछ दिन पूर्व ही ज्वालपा के समीप घात लगाकर बैठे गुलदार ने बाइक सवार धारकोट निवासी संतोष सिंह को हमला कर घायल कर दिया। खास बात यह है कि गुलदार भी बिना डरे करीब एक किमी तक बाइक का पीछा करता रहा। मगर संतोष ने हार नहीं मानी और धैर्यपूर्वक बाइक की गति तेज रखी।
संतोष ने बताया कि वह तीन दिन पहले बाइक से धरासू से पौड़ी आ रहा था। करीब साढ़े सात बजे ज्वालपा के समीप ही गुलदार ने चलती बाइक में उसपर हमला कर दिया। गुलदार ने उसके पांव को जख्मी कर दिया। संतोष ने बताया कि गुलदार के साथ दो छोटे शावक भी थे। उसके शोर मचाने पर समीपवर्ती गांवों के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। इसके बाद पौड़ी पहुंचकर उसने चिकित्सालय में उपचार कराया। संतोष की इस बहादुरी से उसकी साथी की भी जान बच गई।
यह पहला मौका नहीं है जब सड़कों पर जंगली जानवर धमके हैं। कंडोलिया से सटे टेका मोटर मार्ग पर तो शाम ढलते ही कई बार गुलदार शिकार की तलाश में पहुंच जाते हैं। ऐसे में इन मार्गों पर दो पहिया वाहनों में शाम को अपने गंतव्यों को जाना खतरे से खाली नहीं है।
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