खड़ा दीया अनुष्ठान के लिए पंजीकरण शुरू

संवाद सहयोगी, पौड़ी: गगवाड़स्यूं घाटी स्थित सिद्धपीठ देवलेश्वर महादेव मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान के ल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 06:53 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 06:17 AM (IST)
खड़ा दीया अनुष्ठान के लिए पंजीकरण शुरू
खड़ा दीया अनुष्ठान के लिए पंजीकरण शुरू

संवाद सहयोगी, पौड़ी: गगवाड़स्यूं घाटी स्थित सिद्धपीठ देवलेश्वर महादेव मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान के लिए पंजीकरण शुरू हो गए हैं। मंदिर में नि:संतान दंपति 10 नवंबर की सुबह तक पंजीकरण करा सकते हैं। मान्यता है कि अनुष्ठान से नि:संतान दंपति को संतान प्राप्ति होती है। अनुष्ठान से जन्मी संतानों का नामकरण संस्कार भी मंदिर परिसर में किया जाता है।

बलोड़ी गांव में सिद्धपीठ देवलेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। मान्यता है कि मंदिर की स्थापना देवल ऋषि ने की थी। मंदिर के चारों ओर सूर्य कुंड, नारद कुंड, पार्वती कुंड व गणेश कुंड हैं। मंदिर के महात्म्य का उल्लेख केदारखंड के स्कंद पुराण में मिलता है। मंदिर में सनातन समय से ही नि:संतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए बैकुंठ चतुर्दशी पर्व के दौरान खड़ा दीया अनुष्ठान करते हैं। इस वर्ष यह अनुष्ठान 10 नंवबर को संपन्न होगा। इसके लिए निसंतान दंपतियों के लिए पंजीकरण शुरू कर दिया गया है। सिद्धपीठ में गगवाड़स्यूं पट्टी के 34 गांवों के ग्रामीण मिलजुलकर बैकुंठ चतुर्दशी मेले का भव्य आयोजन करते हैं। अनुष्ठान के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग यहां पहुंचते हैं। मंदिर समिति ने वर्ष 2018 से अनुष्ठान करने वाले दंपतियों की संतानों का नामकरण संस्कार विधि मंदिर परिसर में शुरू की थी, जो इस वर्ष भी की जाएगी। सिद्धपीठ श्री देवलेश्वर महादेव मंदिर समिति के सचिव जगत किशोर बड़थ्वाल ने बताया कि सनातन समय से ही भगवान देवलेश्वर महादेव के आर्शीवाद से नि:संतान दंपतियां खड़ा दीया अनुष्ठान कर संतान सुख प्राप्ति का फल प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि अनुष्ठान के लिए निश्शुल्क पंजीकरण शुरू हो गया है। खड़ा दीया अनुष्ठान के लिए कोई भी नि:संतान दंपति मंदिर समिति में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं।

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