इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बिल गेट्स भी हैं फैन, पढ़ें खबर

माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स भी नीशीथ के प्रशंसक है। यही वजह थी अपनी भारत यात्रा के दौरान जिन 50 लोगों से मिलने की उन्होंने इच्छा जताई थी, उनमें नीशीथ पाठक भी थे।

By sunil negiEdited By: Publish:Mon, 08 Feb 2016 12:33 PM (IST) Updated:Mon, 08 Feb 2016 09:10 PM (IST)
इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बिल गेट्स भी हैं फैन, पढ़ें खबर

दीवान सिंह चौहान, कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल)। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स भी नीशीथ के प्रशंसक है। यही वजह थी अपनी भारत यात्रा के दौरान जिन 50 लोगों से मिलने की उन्होंने इच्छा जताई थी, उनमें नीशीथ पाठक भी थे। यह वही नीशीथ हैं, जिन्होंने न केवल अमेरिकी मार्केटिंग कंपनी 'एमवे' की वेबसाइट डिजाइन की, बल्कि ऑनलाइन शॉपिंग साइट 'अमेजन' भी पिछले आठ साल से जिनके ब्लॉग फॉलो कर रहा है। इतना ही नहीं, नीशीथ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से संबंधी पांच किताबें भी लिख चुके हैं। इनमें से एक पुस्तक 'प्रो.डब्ल्यूसीएफ-4' की तो 17 लाख से अधिक प्रतियां पूरी दुनिया में बिक चुकी हैं।
विडंबना देखिए कि इन्हीं नीशीथ को उत्तराखंड तो छोड़िए, उस कोटद्वार में भी शायद ही कोई जानता हो, जहां के वे रहने वाले हैं। राजकीय महाविद्यालय कोटद्वार से विज्ञान स्नातक नीशीथ का सपना बचपन से ही इंजीनियर बनने का था।

स्नातक करने के दौरान ही उन्होंने दो कंप्यूटर संस्थानों से कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखी और फिर वर्ष 2001 में नौकरी की तलाश में दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने नौकरी तलाशने के साथ कंप्यूटर संबंधी पढ़ाई भी जारी रखी। नीशीथ माइक्रोसॉफ्ट का कोर्स करना चाहते थे, लेकिन महंगी फीस के कारण उन्हें कदम पीछे खींचने पड़े, लेकिन इसे अपनी कमजोरी न बनाते हुए उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट की ओर से विश्व स्तर पर आयोजित होने वाली ऑनलाइन परीक्षाओं में प्रतिभाग करना शुरू कर दिया। इसके अलावा घंटों साइबर कैफे में बैठकर डॉटनेट की पढ़ाई व स्क्रीन शॉट याद करने भी शुरू कर दिए।

खर्च बढ़ते जा रहे थे और कमाई शून्य। ऐसे में नीशीथ ने वापस कोटद्वार लौटने का मन बना दिया, तब पिता पंकज पाठक व माता बीना पाठक ने उन्हें हौसला दिया। प्रयास फलीभूत हुए और वर्ष 2003 में वह माइक्रोसॉफ्ट की ओर से विश्वस्तरीय ऑनलाइन परीक्षा माइक्रोसाफ्ट सर्टिफिकेट सॉल्यूशन डेवलपर.नेट (एमसीएसडी) और माइक्रोसाफ्ट सर्टिफिकेट एप्लीकेशन डेवलपर.नेट (एमसीएडी) की परीक्षा पास करने वाले दुनिया के एक हजार लोगों में शामिल हो गए।

वर्तमान में नीशीथ एक्ससेंचर कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। नौकरी के अभी तक के सफर में नीशीथ 2004 में एक्सेंचर से जुड़े। 2007 में उन्होंने सेपियेंट व 2008 मे स्केलटा कंपनियां ज्वाइन की। वर्ष 2011 में उनकी फिर एक्सेंचर में वापसी हुई। विश्व पटल पर कामयाबी का परचम लहरा रहे नीशीथ इस कामयाबी का श्रेय अपने पिता पंकज पाठक, माता स्व.बीना पाठक, पत्नी सुरभि पाठक व गुरु जेपी कुकरेती को देते हैं।
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