हाईकोर्ट को मैदानी इलाकों में शिफ्ट करने की चर्चा पर युवा अधिवक्ता आंदोलन की तैयारी में

हाई कोर्ट को जिले के मैदानी इलाके ऋषिकेश देहरादून शिफ्ट करने की चर्चाओं के बीच युवा अधिवक्ता इसके विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से भी गुहार लगाई है।

By Edited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 01:33 AM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 10:21 AM (IST)
हाईकोर्ट को मैदानी इलाकों में शिफ्ट करने की चर्चा पर युवा अधिवक्ता आंदोलन की तैयारी में
हाईकोर्ट को मैदानी इलाकों में शिफ्ट करने की चर्चा पर युवा अधिवक्ता आंदोलन की तैयारी में

नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट को जिले के मैदानी इलाके, ऋषिकेश, देहरादून शिफ्ट करने की चर्चाओं के बीच युवा अधिवक्ता इसके विरोध में उतर आए हैं। दो दर्जन युवा अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ई-मेल भेज उच्च न्यायालय को नैनीताल से अन्यत्र शिफ्ट करने का विरोध किया है। इस मामले पर युवा अधिवक्ता आंदोलन को लेकर भी गोलबंद हो रहे हैं।

हाई कोर्ट में ही प्रैक्टिस कर रहे युवा अधिवक्ताओं ने पीएम मोदी को ई-मेल भेजकर कहा है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट पहाड़ अथवा कुमाऊं में स्थापित एक मात्र संस्थान है। अलग राज्य आंदोलन की अवधारणा यह थी कि अधिकांश संस्थानों को पर्वतीय इलाकों में स्थापित किया जाए, मगर कुमाऊं से तमाम निदेशालय, संस्थान व कार्यालयों को देहरादून शिफ्ट किया जा रहा है। इससे क्षेत्रीय असंतुलन पैदा होने के साथ ही जनता में निराशा पैदा हो रही है। कहा कि राज्य का अधिकांश इलाका विषम भौगोलिक परिस्थितियों से घिरा है। उन्होंने कहा कि देवभूमि के पर्वतीय क्षेत्र बेहद शांत हैं। मुकदमे भी कम लंबित हैं। लिहाजा हाई कोर्ट को शिफ्ट ना किया जाए। पिथौरागढ़ में शिफ्ट हो हाई कोर्ट नैनीताल: उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य नंदन सिंह कन्याल ने हाई कोर्ट को सीमांत पिथौरागढ़ जिले में शिफ्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सीमांत जिला सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। हवाई कनेक्टिविटी की भी सुविधा है। यहां बता दें कि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने हाई कोर्ट को शिफ्ट करने के विरोध में प्रस्ताव पास किया है। जबकि 280 अधिवक्ताओं ने हस्ताक्षरयुक्त प्रत्यावेदन मुख्य न्यायाधीश को देकर कोर्ट को हल्द्वानी या रामनगर शिफ्ट करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि बैंच को शिफ्ट ना किया जाए।

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