नहीं मिला पानी निकासी का रास्ता, एसबीआइ से मुखानी तक नहर कवरिंग का काम फिलहाल बंद

सरकारी सिस्टम के काम करने का तरीका देखिए। तीन साल पहले एसबीआइ से लेकर मुखानी तक नहर कवरिंग का प्रस्ताव तैयार हुआ। पिछले साल फरवरी में इसे शासन से वित्तीय मंजूरी मिली।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 08 May 2019 02:11 PM (IST) Updated:Wed, 08 May 2019 02:11 PM (IST)
नहीं मिला पानी निकासी का रास्ता, एसबीआइ से मुखानी तक नहर कवरिंग का काम फिलहाल बंद
नहीं मिला पानी निकासी का रास्ता, एसबीआइ से मुखानी तक नहर कवरिंग का काम फिलहाल बंद

हल्द्वानी, जेएनएन : सरकारी सिस्टम के काम करने का तरीका देखिए। तीन साल पहले एसबीआइ से लेकर मुखानी तक नहर कवरिंग का प्रस्ताव तैयार हुआ। पिछले साल फरवरी में इसे शासन से वित्तीय मंजूरी मिली। एक साल एक माह बाद मार्च में इस पर काम शुरू हुआ, लेकिन दो माह बाद फिर रुक गया। वजह है नहर का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क से लेकर घरों तक घुसना। बड़ा सवाल यह है कि इंजीनियरों की फौज व प्रशासन के लगातार मॉनीटरिंग के बावजूद ऐसी स्थिति कैसे आई? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। वहीं, कमिश्नर ने मामले में जल्द स्थायी समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं। तब तक काम बंद रहेगा।

नैनीताल रोड पर नगर निगम तिराहे से लेकर मुखानी तक सड़क किनारे सिंचाई विभाग की नहर पड़ती है। साल 2016 में इस सड़क को कवर कर चौड़ीकरण का प्रस्ताव तैयार किया गया था। तमाम आपत्तियों को दूर करने के बाद फरवरी 2018 में शासन से इसे सात करोड़ की वित्तीय मंजूरी मिली। इसके बावजूद काम शुरू होने में 13 महीने का वक्त निकल गया। काम शुरू होने के बाद सिंचाई विभाग की नहर में पानी आने की वजह से लगातार दिक्कतें बढ़ती गई। कई बार पानी आसपास स्थित घरों से लेकर स्टेडियम रोड तक फैल गया। तमाम कोशिशों के बावजूद जलभराव से निजात नहीं मिलने पर कमिश्नर राजीव रौतेला ने दोबारा योजना बनाकर ढंग से काम करने के निर्देश दिए हैं। ताकि आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। वहीं, लोक निर्माण विभाग अब काम बंद कर समाधान तलाशने में लगा है। अफसरों के मुताबिक एक सप्ताह के भीतर दोबारा काम शुरू होगा। 

पाइप व नाली बनाने से भी फायदा नहीं 

लोक निर्माण विभाग ने काम शुरू करने से पहले सिंचाई व जल संस्थान के अफसरों से वार्ता की थी। नहर में पानी आने पर उसकी निकासी को लेकर पाइप डालने के साथ नालियां भी बनाई। उसके बावजूद ओवरफ्लो की समस्या पैदा हो गई।

फिल्टर प्लांट का पानी पहुंच रहा 

शीमशहल में जल संस्थान का फिल्टर प्लांंट है। लोनिवि के मुताबिक रोजाना वहां से बचा हुआ 30 क्यूसेक पानी सिंचाई नहर में छोड़ा जाता है। शुरुआत में स्थिति सामान्य रही, लेकिन फिर जलभराव होने लगा। 

बड़ी मुश्किल से काम शुरू हुआ था 

सात करोड़ की यह सड़क बनने पर नैनीताल रोड पर जाम की स्थिति काफी हद तक सुधरती, लेकिन काम शुरू होने में दिक्कतें सामने आती रही। पहले विभागों के बीच आपसी सामंजस्य का अभाव दिखा। कई बैठकों के बाद जल संस्थान, ऊर्जा निगम व लोनिवि ने अपने-अपने हिस्से का काम पूरा किया। अगले माह से बारिश का सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में खोदी गई सड़क का ओर बुरा हाल होगा।

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