पहाड़ी मसालों ने दिखाई आत्मनिर्भरता की राह, खुद पैकिंग कर महिलाएं पहुंचा रहीं बाजार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के मंत्र पर काम करते हुए समूह की महिलाओं ने पहाड़ के जैविक उत्पादों को घर-घर पहुंचाने के लिए कदम बढ़ाया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 20 Jul 2020 06:10 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jul 2020 06:10 PM (IST)
पहाड़ी मसालों ने दिखाई आत्मनिर्भरता की राह, खुद पैकिंग कर महिलाएं पहुंचा रहीं बाजार
पहाड़ी मसालों ने दिखाई आत्मनिर्भरता की राह, खुद पैकिंग कर महिलाएं पहुंचा रहीं बाजार

हल्द्वानी, जेएनएन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के मंत्र पर काम करते हुए समूह की महिलाओं ने पहाड़ के जैविक उत्पादों को घर-घर पहुंचाने के लिए कदम बढ़ाया है। मसालों का कारोबार शुरू करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इसके जरिये आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं। 

गिरिजा बुटीक एवं महिला विकास संस्था ने पहाड़ के जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कुसुमखेड़ा में मसाला उद्योग की शुरुआत की है। संस्था की अध्यक्ष गीता सत्यवली कहतीं हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय उत्पादों का बढ़ावा देने की अपील की है। इससे हम खुद तो आत्मनिर्भर होंगे साथ ही लोगों को अपने घर के पास ही जरूरी सामग्री उपलब्ध हो जाएगी। इसी से प्रेरित होकर महिलाओं ने ने अपना उद्यम शुरू करने का मन बनाया। 

शहर में अधिकांश महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों की रहने वाली है। गांवों में परंपरागत रूप से मसाले तैयार होते रहे हैं। सोचा क्यों ने अपने उत्पादों की पैकिंग कर बाजार तक पहुंचाया जाए। फिलहाल संस्था की ओर से पहाड़ी मिर्च, हल्दी, धनिया, सब्जी मसाला, सौंफ, अजवाइन आदि की छोटे व बड़े दो साइज में पैकिंग की जा रही है। महिलाओं की पहल ने ग्रामीण युवाओं को भी स्वरोजगार की राह दिखाने का काम किया है।

चुनौती को अवसर बनाने की जरूरत

गीता सत्यवली कहतीं हैं कि इच्छाशक्ति हो तो पहाड़ में कई स्वरोजगार शुरू किए जा सकते हैं। कोरोना महामारी ने हमें अपनी परंपरागत चीजों की ओर लौटने को विवश किया है। इस चुनौती को हम अवसर के रूप में भुनाते हुए सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। कीटनाशक व रसायन रहित पहाड़ी उत्पादन सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं।

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