पिथौरागढ़ जिले को मिले दो वूल ग्रोथ सेंटर, मुनस्यारी और धारचूला तहसील में खुलेंगे nainital news
सीमांत जिले पिथौरागढ़ को दो वूल ग्रोथ सेंटर की सौगात मिली है। चीन सीमा से लगी धारचूला और मुनस्यारी तहसील में ये सेंटर खोले जाएंगे।
पिथौरागढ़, जेएनएन : सीमांत जिले पिथौरागढ़ को दो वूल ग्रोथ सेंटर की सौगात मिली है। चीन सीमा से लगी धारचूला और मुनस्यारी तहसील में ये सेंटर खोले जाएंगे। सेंटरों के माध्यम से स्थानीय ऊन की गुणवत्ता सुधारी जाएगी।
उत्तराखंड के तीन सीमांत जिले पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्रों में सदियों से ऊन का उत्पादन होता रहा है। भेड़ पालक ऊन तैयार करते हैं और हस्तशिल्पी इनसे दन, कालीन, कम्बल, पंखी, चुटके आदि तैयार करते हैं। सीमांत की अर्थव्यवस्था में इस लघु उद्योग की बड़ी भूमिका है। पिछले कुछ वर्षो में सीमांत का हस्तशिल्प तमाम कारणों से पिछड़ रहा है। स्थानीय व्यापारिक मेलों में भी अब मैदान से आने वाले कालीन ज्यादा बिक रहे हैं। इस लघु उद्योग को नई रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार ने धारचूला और मुनस्यारी तहसीलों में दो वूल ग्रोथ सेंटर की स्वीकृति दे दी है। ये सेंटर राज्य सरकार की मदद से चलेंगे।
उप मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ.पंकज जोशी ने बताया कि वूल ग्रोथ सेंटर की स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही इन्हें स्थापित कर लिया जाएगा। सेंटर में भेड़ों से ऊन उतारने, उसे अच्छी गुणवत्ता के रंगों से रंगने और ऊन की मजबूती और लम्बाई को बेहतर करने के लिए नई तकनीक का उपयोग किया जाएगा। मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से ऊल सेंटर के आस-पास के गांवों के लोगों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो भविष्य में तहसील क्षेत्र के अन्य लोगों को प्रशिक्षण देंगे।