CDS final result : हिमांशु ने पांच साल में दिए आठ अटेम्ट, नहीं मिली कामयाबी, नौवें में AIR 1, पढ़ें सफलता की कहानी

UPSC CDS II Final result 2021 सीडीएस परीक्षा टाप करने वाले हिमांशु पांडे (Himanshu Pandey) की कामयाबी एक-दो प्रयास के बाद हार मानकर राह बदल लेने वालों में हौसला भरती है। हिमांशु ने निरंतर पांच साल की मेहनत के बाद यह मुकाम पाया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 04 Jun 2022 08:45 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jun 2022 08:45 PM (IST)
CDS final result : हिमांशु ने पांच साल में दिए आठ अटेम्ट, नहीं मिली कामयाबी, नौवें में AIR 1, पढ़ें सफलता की कहानी
हिमांशु पांडे ने पिता से कहा था, आर्मी ज्वाइन करूंगा तो आफिसर बनकर

गणेश पांडे, हल्द्वानी : UPSC CDS II Final result 2021संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षा टाप करने वाले हिमांशु पांडे की कामयाबी प्रेरित करती है। एक-दो प्रयास के बाद हार मानकर राह बदल लेने वालों में हौसला भरती है। हिमांशु (Himanshu Pandey) ने निरंतर पांच साल की मेहनत के बाद यह मुकाम पाया है। लगातार आठ प्रयास में असफलता मिलने के बाद भी हिमांशु ने उम्मीद नहीं छोड़ी। नौवे प्रयास में वह हुआ, जिस पर हर कोई गर्व महसूस कर सकता है।

ठेकेदार के साथ काम करने वाले कमल पांडे भारतीय सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। खुद सेना में नहीं जा सके, तो बेटे को फौज में देखने का सपना आंखों में तैरने लगा। पिता इसके लिए प्रेरित भी करने लगे। एक दिन हिमांशु ने कहा, पापा-आर्मी ज्वाइन करूंगा तो आफिसर बनकर। पिता का सपना अब हिमांशु का सपना ही नहीं, जीवन का लक्ष्य बन गया। 2017 में पहली बार एनडीए की परीक्षा दी।

चार बार परीक्षा पास की। सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के साक्षात्कार में हर बार अटक जाते। हिमांशु ने यह सब बीटेक की पढ़ाई जारी रखते हुए किया। बीटेक के बाद सीडीएस की तैयारी में जुट गए। तीन बार सीडीएस की परीक्षा दी। लिखित परीक्षा में हर बार सफल रहते। पहली बार मेडिकल, दूसरी बार में एसएसबी के साक्षात्कार में अटक गए। तीसरी बार में कामयाबी ऐसी मिली की देश में पहली रैंक पाकर उत्तराखंड का गौरव बढ़ा दिया।

हमेशा प्रेरित करने वालों से मिला

हिमांशु ने बताया कि कई असफलताओं के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। हर बार खुद से दोहराते रहे कि अबकी बार होगा। हर बार अधिक मेहनत से जुट जाते। पिता कहते बेटा हार मत मानना। एसबीआइ में कार्यरत बड़ी बहन भावना ने भी हौसला बढ़ाया। एकेडमी चलाने वाले कर्नल रि. एसके रावल हमेशा प्रेरित करते रहे। शुरुआत में 50 प्रतिशत छूट में कोचिंग भी कराई। हिमांशु ने कहा, कामयाबी इस पर भी निर्भर करती है कि आपके आसपास हौसला बढ़ाने वाले लोग हैं या हताश करने वाले।

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