उत्तराखण्ड चुनाव 2022 : महेश शर्मा के गाडफादर बने हरीश रावत, जानिए कांग्रेस ने क्यों दिया कालाढूंगी का टिकट

उत्तराखण्ड चुनाव 2022 कांग्रेस की दूसरी सूची जारी होने के बाद कई सीटों पर बगावत शुरू हो गई थी। जिसके बाद हाईकमान ने दूसरी सूची को होल्ड कर ली थी। देर रात नई सूची जारी कर कई सीटों पर बदलाव किया है। महेश शर्मा को कालाढूंगी से प्रत्याशी बनाया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 07:50 AM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 07:50 AM (IST)
उत्तराखण्ड चुनाव 2022 : महेश शर्मा के गाडफादर बने हरीश रावत, जानिए कांग्रेस ने क्यों दिया कालाढूंगी का टिकट
Uttarakhand Vidhan Sabha Election 2022: कांग्रेस ने कालाढूंगी सीट से प्रदेश महासचिव महेश शर्मा को अब उम्मीदवार बनाया है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कांग्रेस ने कालाढूंगी सीट पर चेहरा बदल प्रदेश महासचिव महेश शर्मा को अब उम्मीदवार बनाया है। साल 2012 और 2017 में पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर शर्मा ने निर्दलीय के तौर पर अपना दम दिखाया था। विधानसभा में उनके जनाधार को देखते हुए उम्मीद थी कि लगातर तीसरी बार पार्टी उनकी मेहनत को नजरअंदाज नहीं करेगी। मगर संगठन ने उनकी जगह पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र पाल को टिकट थमा दिया। जिससे शर्मा के समर्थकों में मायूसी छा गई। दो दिन से उनके आवास पर समर्थकों का जमावड़ा था। आखिर में जमीनी पकड़ को ध्यान में रख पार्टी ने चेहरा बदल शर्मा को उम्मीदवार घोषित कर ही दिया।

कालाढूंगी में महेश शर्मा कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा माने जाते हैं। ग्रामीण इलाकों में पकड़ और खुद की मजबूत टीम होने की वजह से दो चुनाव में निर्दलीय के तौर पर वह दम दिखा चुके हैं। इस बार पार्टी के सभी सर्वे और बाहर से पहुँचे ऑब्जर्वर की रिपोर्ट में भी उनका नाम सबसे ऊपर था। लेकिन अचानक पूर्व सांसद को टिकट थमा दिया गया। जबकि उन्होंने इस सीट से दावेदारी तक नहीं की थी। सोमवार रात दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद से इंटरनेट मीडिया में शर्मा के समर्थन में पोस्टों के वायरल होने का सिलसिला अब भी जारी है। अंत में शीर्ष नेतृत्व ने अपने निर्णय को बदलते हुए महेश शर्मा को कालाढूंगी सीट से दावेदार घोषित कर दिया।

अब भगत को मिलेगी टक्कर

पिछले दो चुनाव भाजपा के बड़े नेता और कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत का मुकाबला कांग्रेस के प्रकाश जोशी से रहा। निर्दलीय के तौर पर महेश शर्मा ने दम तो दिखाया। मगर पार्टी का साथ नहीं होने की वजह से परिणाम की स्थिति अलग रही। इस बार कांग्रेस के सिंबल पर उतरने वाले शर्मा भाजपा के भगत को टक्कर देंगे।

महेश अभी कोई निर्णय मत लेना

सोमवार रात महेश शर्मा का टिकट कटा तो मंगलवार सुबह घर पर समर्थकों का तांता लग गया था। इस बीच शर्मा कई बार भावुक भी हुए। लेकिन संगठन और पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा। मंगलवार सुबह ही पूर्व सीएम हरीश रावत ने उन्हें फोन कर कहा था कि तुम्हारे लिए प्रयास जारी है। आवेश में कोई फैसला मत लेना। इसके बाद जमीनी स्थिति को भांपते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य भी सक्रिय हैं। और 48 घण्टे के अंदर मामला पलट गया। जिससे शर्मा के समर्थकों में जश्न का माहौल है।

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