dengue हल्द्वानी में दो और लोगों की डेंगू से मौत, अब तक हो चुकी है 17 लोगों की मौत

डेंगू का आतंक बढ़ रहा है। गुरुवार काे पहाड़ और मैदान में दो लोगों की मौत हो गई। 14 वर्षीय किशोरी ने एसटीएच और नगर निगम के सफाई नायक ने बरेली के राममूर्ति अस्पताल में दम तोड़ दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 04 Oct 2019 08:51 AM (IST) Updated:Fri, 04 Oct 2019 08:51 AM (IST)
dengue हल्द्वानी में दो और लोगों की डेंगू से मौत, अब तक हो चुकी है 17 लोगों की मौत
dengue हल्द्वानी में दो और लोगों की डेंगू से मौत, अब तक हो चुकी है 17 लोगों की मौत

हल्द्वानी, जेएनएन : डेंगू का आतंक लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार काे पहाड़ और मैदान में दो लोगों की मौत हो गई। 14 वर्षीय किशोरी ने एसटीएच और नगर निगम के सफाई नायक ने बरेली के राममूर्ति अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। निजी लैब में हुई जांच में दोनों को डेंगू होने की पुष्टि हुई थी। हालांकि स्वास्थ्य महकमा एलाइजा रिपोर्ट मिलने के बाद ही इसे डेंगू से मौत मानने की बात कह रहा है। हल्द्वानी में अब तक डेंगू और वायरल की चपेट में आने से 17 लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो चुकी है। तमाम कोशिशों के बावजूद स्वास्थ्य महकमा डेंगू के प्रकोप को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है।

कुल्यालपुरा निवासी संजय पाल उर्फ संजू (37) नगर निगम हल्द्वानी में सफाई था। परिजनों के मुताबिक, 30 सितंबर को उसे नैनीताल रोड स्थित कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां हालत बिगडऩे पर दो अक्टूबर को बरेली स्थित राममूर्ति अस्पताल रेफर कर दिया गया। गुरुवार को उसकी मौत हो गई। घरवालों ने बताया कि प्राइवेट लैब में जांच से संजय में डेंगू की पुष्टि हो गई थी। वहीं, ओखलकांडा ब्लॉक के बड़ौन गांव निवासी सुशीला (14) पुत्री मान सिंह की तबीयत खराब होने पर परिजनों ने मंगलवार को उसे हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। निजी लैब में टेस्ट कराने पर उसमें भी डेंगू की पुष्टि हुई थी। बुधवार को विधायक राम सिंह कैड़ा ने किशोरी को एसटीएच में भर्ती करा दिया, जहां गुरुवार सुबह उसने भी दम तोड़ दिया। वहीं एसटीएच प्रशासन का कहना है कि एलाइजा रिपोर्ट आने के बाद ही डेंगू से मौत की बात साफ हो सकेगी। डॉ. अरुण जोशी, एमएस एसटीएच ने बताया कि ओखलकांडा की किशोरी बुधवार को एडमिट हुई थी। शरीर के कई अंग काम करना बंद हो चुके थे। फिलहाल, रिपोर्ट आने पर ही स्थिति साफ होगी।

बगैर सेफ्टी किट शहर को साफ करने का जिम्मा

युवा वाल्मिकी संगठन के अध्यक्ष व मृतक संजय के रिश्तेदार आशु वाल्मीकि ने कहा कि स्वच्छता नायकों के पास पूरे शहर को साफ रखने का जिम्मा होता है। लेकिन मास्क, गलब्स, जूते समेत अन्य सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाते। किसी तरह की स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उन्हें नहीं मिलता। निगम प्रशासन को अपने कर्मचारियों के लिए सोचना होगा। मृतक संजय की बहन भी डेंगू से ग्रस्त है।

पहाड़ पर बचाव का काम शुरू करें : कैड़ा

विधायक राम सिंह कैड़ा ने कहा कि शहरों के बाद अब पर्वतीय इलाकों में भी डेंगू का डंक पहुंच चुका है। किशोरी की मौत से इस बात की पुष्टि हो चुकी है। कैड़ा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को पूरी गंभीरता के साथ बचाव के उपाय खोजने होंगे, ताकि लोग डेंगू की चपेट में न आए।

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