Dalai Lama 86th Birthday : तिब्‍बती समुदाय ने नैनीताल में दलाई लामा का जन्मदिन मनाया

Dalai Lama 86th Birthday तिब्बती सर्वोच्च नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा का 86वां जन्मदिन नैनीताल में सादगी के साथ मनाया। तिब्बती समुदाय ने इस अवसर पर सुख निवास स्थित बौद्ध मठ में पूजा अर्चना कर दलाई लामा के दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना की।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 02:44 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 02:44 PM (IST)
Dalai Lama 86th Birthday :  तिब्‍बती समुदाय ने नैनीताल में दलाई लामा का जन्मदिन मनाया
Dalai Lama 86th Birthday: तिब्‍बती समुदाय ने नैनीताल में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा का जन्मदिन मनाया

नैनीताल, जागरण संवाददता : Dalai Lama 86th Birthday : तिब्बती सर्वोच्च नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा का 86वां जन्मदिन नैनीताल में सादगी के साथ मनाया। तिब्बती समुदाय ने इस अवसर पर सुख निवास स्थित बौद्ध मठ में पूजा अर्चना कर दलाई लामा के दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना की। इस अवसर तिब्बत की आजादी के लिए दलाई लामा के शांतिपूर्ण व अहिंसक आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।

मंगलवार को बड़ी संख्या में तिब्बती बमव भोटिया समुदाय के लोग कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए सुख निवास में जमा हुए। इस दौरान 500 घी के दीये जलाए गए। तिब्बती समुदाय की ओर से इस अवसर पर वैक्सिनेशन सेंटर मल्लीताल में मास्क, फल व चाय वितरण किया गया। हल्द्वानी में गरीबों के लिए एक यूटिलिटी कपड़े भेजे गए हैं। तिब्बती महिला कांग्रेस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष सेरिंग डोलमा, सेरिंग पेलकी, छापेल, तेंजिन जिग्मे, सेरिंग तोपगिल, यीसी थुपतेंन, वंगमो, श्याम सिंह खम्पा, पान सिंह खम्पा आदि शामिल रहे।

ऐसे हुई थी 14वें दलाईलामा की खोज

वर्ष 1933 में 13वें दलाई लामा की मौत हुई थी। इसके बाद नए दलाईलामा की खोज शुरू हुई। मृत लामा का शरीर दक्षिण दिशा से मुड़कर कुछ ही दिन में पूर्व दिशा की ओर आ गया। बताया जाता है कि जिस दिशा में शव आया, उसमें अजीब किस्म के बादल देखे गए और वहीं बने महल के खंभे पर तारे के आकार वाली फफूंद भी उग आई। इस अभियान के कार्यवाहक राजाध्यक्ष ने कई दिन के ध्यान और पूजा के बाद पवित्र झील में अ, क, म अक्षरों की आकृतियां, सुनहरी छत वाला एक मठ और मूंगिया रंग की छत वाला घर देखा। इसके साल भर बाद ल्हासा से गए खोजी दल ने पूर्व के आम्ददो प्रांत में ऐसी ही छत वाले मठ के पास मूंगिया छत वाले घर में रहने वाले किसान के बच्चे को खोज लिया। इस बच्चे ने 13वें दलाईलामा के कई सहयोगियों, मालाओं, छड़ी और दूसरी चीजों को आसानी से पहचान लिया। यही बच्चा आज के दलाईलामा हैं। इनका मूल नाम तेनजिन ग्यात्सो है तथा इन्हें 14वें दलाईलामा माना जाता है।

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