पर्यावरण संरक्षण : ग्रामीणों को मुफ्त में बांटेंगे अखरोट के तीन हजार पौधे
चिकित्सक डॉ. आशुतोष पंत ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक और कदम बढ़ाया है। डॉ. पंत 10 जनवरी से पहाड़ों पर भ्रमण कर ग्रामीणों को अखरोट के तीन हजार पौधे मुफ्त बांटेंगे।
हल्द्वानी, जेएनएन : वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. आशुतोष पंत ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक और कदम बढ़ाया है। डॉ. पंत 10 जनवरी से पहाड़ों पर भ्रमण कर ग्रामीणों को अखरोट के तीन हजार पौधे मुफ्त बांटेंगे। डॉ. पंत अब तक 2.55 लाख फलदार व छायादार पौधों का वितरण कर चुके हैं।
वह बताते हैं कि पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार पलायन चिंताजनक है। हर साल पलायन की वजह से सैकड़ों गांव मानवविहीन हो चुके हैं। जल स्रोतों के सूखने व जंगली जानवरों के आतंक से लोगों का खेती से मोहभंग होता जा रहा है। फलदार पौधों के रोपण से पर्यावरण संरक्षण के साथ ही आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। अखरोट के पौधे लोगों से खाली पड़ी जमीन पर लगाने की अपील करने के साथ ही पौधरोपण के तरीके भी बताए जाएंगे। आठ से 10 साल में पौधे फल देने लायक हो जाएंगे, जो आय का जरिया भी बनेंगे।
स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक अखरोट
डॉ. आशुतोष पंत बताते हैं कि अखरोट स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। इसमें प्रोटीन, कॉर्बोहाइडे्रट, खनिज, विटामिन, व वसा प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें सैचुरेटेड फैट पाया जाता है, जो दिल व दिमाग के लिए काफी गुणकारी होता है। आजकल अखरोट के हाइब्रिड ग्राफटेड पौधे भी उपलब्ध हैं, जो तीन साल में ही फल देने लगते हैं। ये ढाई से चार सौ रुपये प्रति पौधे की दर से बाजार में उपलब्ध हैं। प्रगतिशील किसान इन पौधों को आजीविका का जरिया बना रहे हैं।
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