निकाय चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर

भले ही यह नगर निकायों का चुनाव है, लेकिन इसमें कांग्रेस व भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर टिकी है। रविवार को कुमाऊं के छह जिलों के 37 निकायों के लिए मतदान हो गया।

By Edited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 09:00 AM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 09:46 AM (IST)
निकाय चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर
निकाय चुनाव में कांग्रेस व भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर

गणेश जोशी, हल्द्वानी : भले ही यह नगर निकायों का चुनाव है, लेकिन इसमें कांग्रेस व भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर टिकी है। रविवार को कुमाऊं के छह जिलों के 37 निकायों के लिए मतदान हो गया। इसमें अधिकांश सीटों में भाजपा व कांग्रेस ही आमने-सामने हैं।
पर्वतीय क्षेत्रों की कुछ सीटों पर निर्दलीय समीकरण बदलने की हैसियत में जरूर दिख रहे हैं। यह चुनाव राजनीतिक दलों के लिए इसलिए भी अहम हो गया है कि इसके तुरंत बाद पंचायत चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ भाजपा किसी भी कीमत पर विजय रथ रुकना नहीं देना चाहती है और विधानसभा चुनाव से ही बड़ी हार झेल रही कांग्रेस इन चुनावों से खुद को मजबूत करना चाहती है। कुमाऊं की सबसे अहम सीट हल्द्वानी नगर निगम की है। यहां भाजपा के मेयर प्रत्याशी डॉ. जोगेंद्र रौतेला व कांग्रेस मेयर प्रत्याशी सुमित हृदयेश के बीच सीधा मुकाबला है। इस सीट पर पार्टी हाईकमान से लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सीधी नजर है। इसके लिए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को प्रभारी बनाया गया था। पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक बंशीधर भगत ने चुनावी कमान संभाली थी।
दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश मोर्चे पर डटी रहीं। इस चुनाव से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह व सह प्रभारी राजेश धर्माणी भी सीधे जुड़े रहे। हॉट सीट का राजनीतिक परिणाम भी इन दिग्गजों के ही मत्थे होगा।

तराई में होगी बेहड़, ठुकराल, रावत व रेखा की राजनीतिक कौशल की परीक्षा
रुद्रपुर में कांग्रेस के नंदलाल व भाजपा के रामपाल के बीच मुकाबला है। अपने प्रत्याशियों के लिए कांग्रेस नेता एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़ और भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल ने पूरी ताकत झोंक दी थी। काशीपुर नगर निगम में भाजपा की ऊषा चौधरी मेयर प्रत्याशी हैं। इसके लिए पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी व राज्य मंत्री रेखा आर्य की प्रतिष्ठा भी जुड़ी है। कांग्रेस की मुक्ता सिंह के लिए पूर्व सांसद केसी बाबा जुटे हुए थे। ऊधमसिंह नगर के नगर निगम की इन दो सीटों पर पूर्व सीएम व कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हरीश रावत ने भी जोर लगाया है।

पहाड़ की सीटों से जुडी रावत, कुंजवाल, चौहान की साख
अल्मोड़ा की एक नगर पालिका व दो नगर पंचायत के लिए मतदान हुआ। यहां पर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान की भूमिका अहम थी। अन्य सीटों पर विधायक के अलावा अन्य बडे़ नेताओं का सीधे हस्तक्षेप नहीं दिखा। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, इन सीटों पर पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की साख जुड़ी है। पिथौरागढ़ में भी दो नगर पालिका व दो नगर पंचायत सीटों पर भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी ही आमने-सामने हैं। केवल पिथौरागढ़ नगर पालिका में निर्दलीय चेहरा शमशेर महर के हस्तक्षेप से राजनीतिक परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है। चम्पावत के दो नगर पालिका व दो नगर पंचायत सीटों पर स्थानीय विधायक व पूर्व विधायक ही जुटे हैं, जबकि बागेश्वर में भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के अलावा दो निर्दलीय प्रत्याशी भी हैं। ये दोनों निर्दलीय भाजपा व कांग्रेस से बगावत किए हुए हैं। इसलिए मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। यह सीटें भी पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक बलवंत सिंह भौर्याल व विधायक चंदन राम दास के राजनीतिक कौशल का इम्तिहान होंगी। इसके अलावा ये नतीजे केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की राजनीतिक हैसियत को लेकर भी चर्चा में रहेंगे।

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