पांच लाख से अधिक आय वाले करदाता 31 तक रिटर्न नहीं भरे तो पांच हजार रुपये जुर्माना

पांच लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले करदाताओं को 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल न करने पर एक अगस्त के बाद पांच हजार रुपये की पेनाल्टी के साथ टैक्स देना होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 11 Jul 2019 07:56 PM (IST) Updated:Thu, 11 Jul 2019 07:56 PM (IST)
पांच लाख से अधिक आय वाले करदाता 31 तक रिटर्न नहीं भरे तो पांच हजार रुपये जुर्माना
पांच लाख से अधिक आय वाले करदाता 31 तक रिटर्न नहीं भरे तो पांच हजार रुपये जुर्माना

हल्द्वानी, जेएनएन : वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने का सिलसिला जारी है। पांच लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले करदाताओं को 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल न करने पर एक अगस्त के बाद पांच हजार रुपये की पेनाल्टी के साथ टैक्स देना होगा। पांच लाख से कम आय वालों को एक हजार रुपये पेनाल्टी देनी होगी।

आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक, 31 दिसंबर तक रिटर्न नहीं भरने पर पेनाल्टी दस हजार रुपये हो जाएगी, जबकि 31 मार्च 2020 के बाद किसी कीमत पर रिटर्न दाखिल नहीं होगा। हालांकि पांच लाख तक की आय वालों के लिए पेनाल्टी एक हजार रुपये ही रहेगी। दूसरी ओर, पांच लाख रुपये तक की आय वालों को 12500 रुपये की छूट इस साल रिटर्न में नहीं मिलेगी। आयकर विशेषज्ञ हिमांशु कोठारी के मुताबिक अभी ढाई लाख रुपये की सालाना आय वाला ही टैक्स स्लैब लागू है और इन्हें विधिक प्रावधानों के तहत टैक्स छूट लेते हुए अपना टैक्स देना होगा। 

2019-20 की आय से नया प्रावधान

आयकर विशेषज्ञों के मुताबिक बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के रिटर्न दाखिल करने के नियमों में बदलाव कर दिया है। इसमें पांच लाख तक की सालाना आय वालों को टैक्स में छूट मिलेगी।

आधार लिंक नहीं होने से परेशानी

आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन का आधार से लिंक होना जरूरी है। इसके लिए दोनों दस्तावेजों में नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि आदि एकसमान होने चाहिए। ऐसा न होने से आधार लिंक अटक रहे हैं। हिमांशु कोठारी का कहना है कि सरकार को बिना आधार लिंक वाले करदाताओं को रिटर्न भरने का अवसर देना चाहिए। हालांकि बाद में ई-वेरीफाई होने के बाद रिटर्न स्वीकार किया जाए।

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