विस्थापन को लेकर सुंदरखाल के ग्रामीणों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

वन ग्राम सुंदरखाल के विस्थापन को लेकर ग्रामीणों को राहत मिली है। याचिका दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गांव के विस्थापन पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले से ग्रामीण खुश हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 03:04 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 03:04 PM (IST)
विस्थापन को लेकर सुंदरखाल के ग्रामीणों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
विस्थापन को लेकर सुंदरखाल के ग्रामीणों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

नैनीताल, (जेएनएन) : वन ग्राम सुंदरखाल के विस्थापन को लेकर ग्रामीणों को राहत मिली है। याचिका दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गांव के विस्थापन पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले से ग्रामीण खुश हैं। रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत सुंदरखाल अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव है। गांव में 823 परिवार निवास करते हैं। इसी साल चार सितंबर को नैनीताल हाई कोर्ट ने कॉर्बेट पार्क से लगे इस गांव को एक माह में खाली कराने के आदेश पारित किए थे। साथ ही गांव की इस वन भूमि को हाई कोर्ट ने कॉर्बेट प्रशासन को अपने कब्जे में लेने के लिए कहा था। बेघर होने के डर से ग्रामीण परेशान थे।

विस्थापन के विरोध में कांगे्रस ने भी इस मुद्दे को हाथों हाथ लेते हुए आंदोलन किया था। जबकि भाजपा नेताओं ने भी ग्रामीणों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की रणनीति बनाई। इसके बाद गांव के मनोनीत प्रधान व वन ग्राम संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष चंदन राम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका स्वीकार होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने गांव के विस्थापन पर यथा स्थिति के आदेश दे दिए हैं।

इस मामले में वन ग्राम संघर्ष समिति के अध्यक्ष एस लाल ने बताया कि दिसबंर में वन ग्रामों को राजस्व बनाने एवं ज्वलंत सुविधा दिलाने की मांग को लेकर रामनगर में सम्मेलन आयोजित कराया जाएगा। जिसमें वन एवं समाज कल्याण मंत्री तथा क्षेत्रीय विधायक को बुलाया जाएगा। कॉर्बेट के निदेशक राहुल ने बताया कि  पूर्व में एक याचिका पर भी गांव के विस्थापन पर स्टे मिल गया था। उन्होंने भी स्टे मनोनीत प्रधान की याचिका पर दोबारा स्टे की जानकारी उन्हें नहीं मिली है।

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