उत्तराखंड उलेमा काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना जाहिद की अपील, घर पर अदा करें जुमे की नमाज

नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में होने वाली भीड़ से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है। ऐसे में अब धर्मगुरुओं ने मंदिर व मस्जिद में भी भीड़ लगाने से मना किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 25 Mar 2020 04:45 PM (IST) Updated:Wed, 25 Mar 2020 04:45 PM (IST)
उत्तराखंड उलेमा काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना जाहिद की अपील, घर पर अदा करें जुमे की नमाज
उत्तराखंड उलेमा काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना जाहिद की अपील, घर पर अदा करें जुमे की नमाज

रुद्रपुर, जेएनएन : नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में होने वाली भीड़ से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है। ऐसे में अब धर्मगुरुओं ने मंदिर व मस्जिद में भी भीड़ लगाने से मना किया है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए इस बार घर पर ही मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा करेंगे।

उत्तराखंड उलेमा काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना जाहिद रजा रिजवी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि इस वक्त दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है। इससे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई है। बीमारी की गंभीरता देखते हुए लोग एक दूसरे से फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें। ऐसे में जुमे की नमाज लोग घर पर ही अदा करें। मौलाना रिजवी देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि केंद्र व राज्य सरकार से जारी एडवाइजरी पर अमल करना बहुत जरूरी है। लाॅकडाउन जारी रहने तक एहतियातन अपने-अपने घरों में ही रहें। बेवजह गली मुहल्लों सड़कों और बाज़ारों में न घूमे, सड़को पर भीड़ जमा न करें, प्रशासन की ओर से तय किए गये वक़्त पर ही बहुत ज़रूरी होने पर बाजार जाएं। एक साथ चार-पांच लोग एक जगह एकत्र न हों, सामूहिक कार्यक्रम जैसे जलसे, जूलूस, उर्स, शादी वगैरह लाॅकडाउन के चलते रद करे दें।

इमाम व मोअज्जिन पढ़ें नमाज

सरकार व प्रशासन ने महामारी से बचने के लिये बिना किसी धार्मिक भेद-भाव के धार्मिक स्थलों को भी लॉकडाउन किया है। जिन जगहो पर भीड़-भाड़ को सख्ती से मना किया गया है वहां इमाम साहब, मोअजि़्ज़न व कुछ स्थानीय लोग मस्जिदों में पांचो वक़्त अज़ान के साथ नमाज़ जमाअ़त से अदा करें। अन्य स्थानीय लोग नमाज़ अपने अपने घरों में अदा करे। मस्जिदों में और अपने घरों में सफाई का विशेष ध्यान दें।रुवार को दो वाहन पहुंचेंगे। प्रशासन की ओर से होम डिलीवरी की छूट दी गई है। लोगों के घरों तक सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई है। किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है।

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