गरीबी के कारण भाई-बहन आठवीं तक ही पढ़ सके, छोटे भाई ने नेट क्वालीफाई किया
नैनीताल जिले के एक होनहार की पढ़ने की ललक ने उसे मंजिल तक पहुंचाने का काम किया है। युवा सतीश पनेरू में पढ़ने की ललक इतनी रही कि वे अपने पांच भाई-बहनों में आठवीं कक्षा से अधिक शिक्षा ग्रहण करने वाले एकमात्र सदस्य हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : मुफलिसी के बावजूद हर चुनौती से लड़ने वालों को ही मंजिल मिलती है। इसी तरह जिले के एक होनहार की पढ़ने की ललक ने उसे मंजिल तक पहुंचाने का काम किया है। युवा सतीश पनेरू में पढ़ने की ललक इतनी रही कि वे अपने पांच भाई-बहनों में आठवीं कक्षा से अधिक शिक्षा ग्रहण करने वाले एकमात्र सदस्य हैं।
मूल रूप से ओखलकांडा ब्लॉक की दूरस्थ ग्राम सभा डालकन्या के रहने वाले सतीश चंद्र पनेरू एक अत्यंत गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है। उनके परिवार के पास रहने के लिए खुद का घर तक नहीं है। सतीश के पिता का भी कुछ साल पहले निधन हो गया था। परिवार की खराब माली हालत के कारण सतीश और उनके पांच भाई बहनों को शिक्षा ग्रहण करने में खासा मुश्किलें झेलनी पड़ी। इसी के चलते उनसे बड़े पांच भाई और बहनें आठवीं से आगे अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके। लेकिन सतीश ने राजकीय इंटर कॉलेज भोलापुर से दसवीं कक्षा 50 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण की।
उनकी इसी ललक को देखते हुए एक परिचित ने सतीश को हरिद्वार बुला लिया जहां, सतीश ने पंडिताई कर्म करने वाले लोगों के सहायक के रूप में काम कर घर खर्च का पैसा जुटाना शुरू किया। उनकी मेहनत को देखकर हरिभारती संस्कृत विद्यालय हरिद्वार में उन्हें दाखिला दिलाया गया। इस स्कूल से उन्होंने 64 फीसद अंकों के साथ इंटरमीडिएट उत्तीर्ण किया। मेहनत आगे भी जारी रही और बिना किसी ट्यूशन आदि के स्वध्ययन से उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा संस्कृत विषय से उत्तीर्ण कर दिखाई है।
एमबीपीजी के चार होनहारों को भी सफलता
एमबीपीजी कॉलेज के छात्र अनिल बहुगुणा, शेखर साहू, आयुषी टम्टा, सुरभि ने यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर दिखाई है। ये सभी वाणिज्य विषय के छात्र हैं। अनिल बहुगुणा ने यह परीक्षा दूसरी बार पास की है। विभाग प्रभारी डॉ. सीएस जोशी, डॉ. संजय खत्री, डॉ. संजीव सक्सेना, डॉ. नीरज आदि ने छात्रों को शुभकामनाएं दी हैं।