गन्ने की खेती के माहिर सतेंद्र, दो हजार क्‍व‍िंटल प्रति हेक्‍टेयर उत्‍पादन प्राप्‍त कर जीता ईनाम

गन्ना उत्पादन में हर बार नई नई वैरायटी बोकर प्रयोग करने वाले किसान किच्छा निवासी सतेंद्र सिंह ने इस बार भी बाजी मारी है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 07 Sep 2020 12:26 PM (IST) Updated:Mon, 07 Sep 2020 12:26 PM (IST)
गन्ने की खेती के माहिर सतेंद्र, दो हजार क्‍व‍िंटल प्रति हेक्‍टेयर उत्‍पादन प्राप्‍त कर जीता ईनाम
गन्ने की खेती के माहिर सतेंद्र, दो हजार क्‍व‍िंटल प्रति हेक्‍टेयर उत्‍पादन प्राप्‍त कर जीता ईनाम

रुद्रपुर, ज्ञानेंद्र शुक्ल : खेती से मुंह मोड़ने वालों को उत्‍तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले के रहने वाले सतेंद्र सिंह ने आईना दिखाया है। गन्ना उत्पादन में हर बार नई नई वैरायटी बोकर प्रयोग करने वाले किसान किच्छा निवासी सतेंद्र सिंह ने इस बार भी बाजी मारी है। उन्होंने वर्ष 19-20 में प्रति हेक्टेयर 1991 क्विंटल गन्ने का उत्पादन लेकर जिले में नंबर एक पर स्थान बनाए रखा। प्रोत्साहन राशि के तौर पर उनको 21 हजार रुपए का चेक दिया गया।किच्छा के रिक्की फार्म निवासी किसान सतेंद्र सिंह के पास करीब 25 एकड़ गन्ना फसल इस बार भी है। वो हर बार नई वैरायटी बोकर प्रयोग करते है जिसमें वो सफल भी होते हैं। बीते साल उन्होंने सीओ 0238 गन्ने  की वैरायटी बोई थी। जिसमें उनको 1991 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की फसल मिली। नंबर दो पर विक्रमपुर बाजपुर के किसान जसवीर सिंह ने 1914.50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और तीसरे नंबर पर किच्छा के अजीतपुर गांव निवासी किसान सालिकराम ने 1470.50 क्विंटल की औसत उपज ली। इन दोनों को 15 हजार और 10 हजार की प्रोत्शाहन राशि दी गयी। 

तीसरे साल आये नंबर वन

किच्छा निवासी किसान सतेंद्र सिंह वर्ष 17 -18 से लगातार गन्ना उत्पादन में नंबर एक पर आ रहे हैं। उनका कहना है कि गन्ना की फसल बेहतर पाने के लिए लगातार प्रयोग करना हितकर है।थोड़ी मेहनत और लागत अधिक लगती है।लेकिन परिणाम बेहतर मिलता है।वह शाहजहांपुर, लखनऊ के शोध केंद्रों से नई वैरायटी लेकर आते है। स्थानीय स्तर पर विभाग का पूरा प्रोत्साहन मिलता है। 

लगातार विभाग कर रहा जागरूक

सहायक गन्ना आयुक्त धर्मवीर सिंह ने बताया कि किसानों को गन्ना उत्पादन के प्रति जागरूक किया जा रहा।नई वैरायटी की जानकारी, उसको बोन में रखी जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी जाती है।जिसका परिणाम बेहतर मिल रहा है।कोशिश यही है कि किसान बेहतर उत्पादन ले सकें इसका प्रयास हो।

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