बारिश का कहर नमक पर भी टूटा, बिक रहा 100 रुपये किलो
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर रास्ते बंद हो गए हैं। इसका असर नमक और रसद पर भी पड़ा है।
जागरण संवाददाता, उत्तराखंड : पहाड़ों पर हो रही भीषण बारिश के कारण वहां जन जीवन अस्त-व्यस्त है। कई क्षेत्रों में बीच रास्ते में मलबा आने के कारण लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। खद्य-रशद तक वहां पहुंचना मुश्किल हो गया है। इतना ही नहीं इसकी सबसे अधिक भार पड़ा है नमक पर। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में नमक सौ रुपये के ऊपर मिल रहा है। ऐसे में भोजन की सबसे अहम जरूरत आसमान के भाव दाम छू रही है। उच्च हिमालयी क्षेत्र से लौटे विधायक हरीश धामी और काग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह जानकारी दी है। गर्ब्याग, नपलच्यू, गुंजी, नाबी, रोंगकाग और कुटी के दौरे से लौटे विधायक ने बताया कि इन गावों को जाने वाले रास्ते बुरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। वहां रह रहे लोगों की जरू रतें बमुश्किल पूरी हो पा रही हैं। एक राशनकार्ड पर सिर्फ पांच किलो राशन सामान के ढुलान में अधिक खर्च आ रहा है। विधायक ने बताया कि बताया कि इन गावों के लोग 100 रुपये किलो नमक खरीदने को मजबूर हैं। कहा कि सरकार एक राशनकार्ड पर महज पांच किलो राशन दे रही है। इसकी वजह से लोगों को राशन की किल्लत भी हो रही है। भ्रमण के दौरान भारत-तिब्बत सीमा के अंतिम गाव कुटी के लोगों ने विधायक के सामने कई समस्याएं उठाईं। विधायक ने दिखाई दरियादिली विधायक ने गर्ब्याग, नपलच्यू, गुंजी, नाबी, रोंगकाग और कुटी में सार्वजनिक शौचालय बनाने के लिए अपनी विधायक निधि से 4-4 लाख रुपये देने की घोषणा की। कुटी की प्रधान सरिता देवी ने बिजली, पानी, संचार, सड़क का मामला विधायक के सामने उठाया। धामी ने कहा कि वह इन मामलों को विधानसभा सत्र में उठाएंगे।