शहर के बड़े प्रोजेक्ट आइएसबीटी की प्रगति रिपोर्ट की खबर न आरटीओ को न ही फॉरेस्ट विभाग को
शहर के बड़े प्रोजेक्ट में शामिल आइएसबीटी की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी इससे जुड़े दो महकमों तक को नहीं है। परिवहन विभाग को नई जमीन पर काम शुरू करवाना है।
हल्द्वानी, जेएनएन : शहर के बड़े प्रोजेक्ट में शामिल आइएसबीटी की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी इससे जुड़े दो महकमों तक को नहीं है। परिवहन विभाग को नई जमीन पर काम शुरू करवाना है। इसके लिए फॉरेस्ट लैंड की जरूरत है, पर दोनों विभाग के अधिकारियों को लैंड ट्रांसफर से जुड़ी ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में कुछ नहीं पता। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार आइएसबीटी को लेकर कितनी गंभीर है।
मार्च 2017 में गौलापार में नर कंकाल का मुद्दा उठाकर काम रुकवाया गया था। बाद में आइएसबीटी को स्थानांतरित करने की बात शासन ने कही। दून से लेकर स्थानीय अफसरों ने लगातार दौरा कर नई जगहों का निरीक्षण किया। फिर से रिपोर्ट तैयार कर तीनपानी में यूओयू के बगल वाली जमीन को फाइनल किया गया। इस बीच गौलापार निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता रवि शंकर जोशी मामले को लेकर हाई कोर्ट पहुंच गए। वहीं, 16 मई को परिवहन निगम के एमडी आर राजेश कुमार ने गौलापार व तीनपानी दोनों जगहों का फिर से निरीक्षण किया। इसके बावजूद अहम प्रोजेक्ट की तस्वीर धुंधली ही रही। वहीं, वन विभाग व परिवहन विभाग के अफसर दो साल बाद भी शासन के निर्देश की बात कर रहे हैं।
...तो जमीन के लिए आवेदन नही
वन भूमि के अधिग्रहण को लेकर ऑनलाइन प्रस्ताव करना था। जिसे पहले नोडल अफसर के पास भेजना था। प्रक्रिया कई चरणों से गुजरने के बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय तक पहुंचती। वहीं सूत्रों की मानें तो अभी तक आवेदन ही नहीं किया गया है।
फिलहाल कोई अपडेट नहीं
राजीव मेहरा, आरटीओ ने बताया कि आइएसबीटी को लेकर अभी कोई नया अपडेट नहीं है। मामला शासन स्तर का है। निर्देश के मुताबिक काम होगा।
ऑनलाइन आवेदन की जानकारी मुझे नहीं
आरके सिंह, प्रभारी डीएफओ, तराई केंद्रीय वन प्रभाग ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन से जुड़ी जानकारी मुझे नहीं है। जिस एजेंसी के जरिये आवेदन किया जाना है, उसके पास ज्यादा जानकारी होगी।