मेयर और अधिकारियों के वाहनों का तेल फिक्‍स, व्‍यक्तिगत कामों में दौड़ा रहे थे सरकारी वाहन

नगर निगम में गाडिय़ों के पेट्रोल डीजल पर मोटी रकम खर्च हो रही है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी और सहायक नगर आयुक्त की गाडिय़ा माह में 30 से 35 हजार रुपये का तेल पी जा रही हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 16 May 2020 01:02 PM (IST) Updated:Sat, 16 May 2020 01:02 PM (IST)
मेयर और अधिकारियों के वाहनों का तेल फिक्‍स, व्‍यक्तिगत कामों में दौड़ा रहे थे सरकारी वाहन
मेयर और अधिकारियों के वाहनों का तेल फिक्‍स, व्‍यक्तिगत कामों में दौड़ा रहे थे सरकारी वाहन

हल्द्वानी, जेएनएन : नगर निगम में गाडिय़ों के पेट्रोल, डीजल पर मोटी रकम खर्च हो रही है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी और सहायक नगर आयुक्त की गाडिय़ा माह में 30 से 35 हजार रुपये का तेल पी जा रही हैं। महापौर की गाड़ी भी खूब तेल पी रही है। डीजल, पेट्रोल में मोटी रकम खर्च होते देख नगर आयुक्त ने सभी के लिए तेल की लिमिट तय कर दी है।

महापौर और नगर आयुक्त के वाहनों को माह में केवल 150 लीटर तेल मिलेगा। नगर निगम कार्यालय प्रयोग में लाए जाने वाले तीन अन्य वाहनों को माह में 100 लीटर ही तेल मिलेगा। इनमें से दो कारों का उपयोग नगर स्वास्थ्य अधिकारी व एसएनए निगम कार्यों के लिए करते हैं। जबकि एक अन्य कार ऑफिस के आकस्मिक काम में उपयोग में लाई जाती है।

एमएनए के वाहन से तीन गुना अधिक व्यय

नगर आयुक्त की गाड़ी माह में दस से 12 हजार रुपये का तेल पी जाती है। जबकि एसएसए व स्वास्थ्य अधिकारी के वाहन 30 से 32 हजार रुपये का तेल जला देती हैं। महापौर की गाड़ी की तेल की खपत भी काफी है। अप्रैल में हद हो गई। प्रशासन की तमाम मीटिंग में नगर आयुक्त शामिल होते रहे, जबकि तेल की खपत दूसरे वाहनों की बड़ी।

घर आने-जाने में भी उपयोग

सूत्रों की मानें तो कर निरीक्षण व स्वास्थ्य निरीक्षक, बड़े बाबू भी सरकारी वाहन का खूब प्रयोग कर रहे थे। लॉकडाउन में घर आने-जाने के लिए सरकारी वाहन का प्रयोग में लाया गया। यह स्थिति तब है जब अधिकांश कर्मचारी निगम से वाहन भत्ता लेते हैं।

निजी कामों के लिए भी सरकारी वाहनों का उपयोग हो रहा था। इसे देखते हुए सभी वाहनों के लिए तेल की लिमिट तय कर दी है। विशेष परिस्थितियों में लिमिट से अधिक तेल खर्च करने से पहले अनुमति लेनी होगी। -सीएस मर्तोलिया, नगर आयुक्त हल्द्वानी

यह भी पढ़ें : कहां गया रोज का 13 हजार लीटर दूध? खराब होने की शिकायत नहीं, यानी नकली दूध पी रहा था शहर

chat bot
आपका साथी