सात साल में दोगुनी हो गई प्राइवेट स्कूलों की फीस, जानिए प्रबंधक कैसे लगा रहे हैं चपत

इवेट स्कूलों के सामने फीस निर्धारण के लिए किसी तरह की बैरीकेडिंग न होना अभिभावकों पर भारी पड़ रहा है। नतीजतन साल दर साल फीस में इजाफा होता चला गया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 08 Apr 2019 11:38 AM (IST) Updated:Mon, 08 Apr 2019 11:38 AM (IST)
सात साल में दोगुनी हो गई प्राइवेट स्कूलों की फीस, जानिए प्रबंधक कैसे लगा रहे हैं चपत
सात साल में दोगुनी हो गई प्राइवेट स्कूलों की फीस, जानिए प्रबंधक कैसे लगा रहे हैं चपत

हल्द्वानी, जेएनएन : प्राइवेट स्कूलों के सामने फीस निर्धारण के लिए किसी तरह की बैरीकेडिंग न होना अभिभावकों पर भारी पड़ रहा है। नतीजतन साल दर साल फीस में इजाफा होता चला गया। आलम यह है कि हल्द्वानी शहर में पिछले सात वर्षों में स्कूल फीस दोगुनी तक पहुंच गई है। यहीं नहीं, पैरेंट्स की जेब ढीली करने के लिए स्कूलों ने बड़े ही शातिराना अंदाज से फीस में कई नई मद इजाद कर दी हैं।

वाट्सएप के जरिये दैनिक जागरण से अपनी शिकायत साझा कर रहे अभिभावकों से बातचीत कर हमने फीस बढ़ोतरी का आंकलन किया। पड़ताल में सामने आया कि पिछले सात सालों में हल्द्वानी के अधिकांश स्कूलों की फीस 100 फीसद तक बढ़ चुकी है। 2012 में 600 से 800 रुपये फीस लेने वाले स्कूलों की फीस तो 1500 से 1800 तक पहुंच गई है। इसी तरह कुछ स्कूलों ने 200 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी है। हल्द्वानी में स्कूल फीस हर साल औसतन 10 से 15 फीसद तक बढ़ जाती है।

मजबूरी : खामोशी रहना बेहतर समझते हैं पैरेंट्स

विभागीय अधिकारी प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए किसी तरह का प्रावधान न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। इससे स्कूल संचालकों के हौसले को प्रोत्साहन मिल जाता है। अभिभावकों का कहना है कि वह किसी तरह का विरोध जताते हैं तो बच्चों को दूसरे स्कूल ले जाने की धमकी दी जाती है। मजबूरन अभिभावक खुलकर विरोध तक नहीं कर पाते।

अंधेरगर्दी : एक साल में 50 फीसद फीस वृद्धि

शनिवार को गौजाजाली के एक पैरेंट्स ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके बच्चे की पिछले साल मासिक फीस 800 रुपये थी, जिसे स्कूल ने इस बार 1200 रुपये कर दिया है। कई अन्य पैेरेंट्स ने भी फीस वृद्धि को लेकर फोन किए।

अपना वादा भूल गए शिक्षा मंत्री

पिछले साल व्यापक जन दबाव के बाद विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी किताबें अनिवार्य की। मंत्री ने दावा किया कि अगले साल सरकार फीस एक्ट लेकर आएगी। अभिभावकों ने शिकायत करते हुए कहा कि मंत्री सालभर फीस एक्ट लाने का बयान देते रहे। नया शैक्षिक सत्र शुरू हो गया, लेकिन एक्ट की बात हवा हो गई।

यह भी पढ़ें : नेतागीरी के शौक ने खादी को कराया एक करोड़ का कारोबार, गांधी आश्रम को मिली संजीवनी

यह भी पढ़ं : आज शाम पांच बजे से सील हो जाएगी भारत-नेपाल सीमा, 12 अप्रैल को फिर से खोला जाएगा

chat bot
आपका साथी