जलने पर साफ पानी से धोएं घाव और तुरंत पहुंचे अस्पताल, बता रहे हैं प्लास्टिक सर्जन डा. लोकेश बोरा

जलने पर कई बार लोग घाव पर नमक-मिर्च टूथपेस्ट व नीली स्याही लगाने लगते हैं जो घाव के संक्रमण को और बढ़ा देते हैं। ऐसे प्रयोग बिल्कुल न करें। वहीं एक भ्रांति लोगों में यह भी है कि घाव को पानी से नहीं धोते। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 03 Jul 2022 01:57 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jul 2022 01:57 PM (IST)
जलने पर साफ पानी से धोएं घाव और तुरंत पहुंचे अस्पताल, बता रहे हैं प्लास्टिक सर्जन डा. लोकेश बोरा
जलने पर साफ पानी से धोएं घाव और तुरंत पहुंचे अस्पताल, जानिए क्या कहते हैं प्लास्टि सर्जन डा. लोकेश बोरा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जलने पर कई बार लोग घाव पर नमक-मिर्च, टूथपेस्ट व नीली स्याही लगाने लगते हैं, जो घाव के संक्रमण को और बढ़ा देते हैं। ऐसे प्रयोग बिल्कुल न करें। वहीं एक भ्रांति लोगों में यह भी है कि घाव को पानी से नहीं धोते। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं। बल्कि घाव को पानी से साफ न करने के कारण संक्रमण और फैल सकता है।

यह बातें रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर में पहुंचे प्लास्टिक सर्जन डा. लोकेश बोरा ने कॉलर्स को दी। उन्होंने कहा कि उनकी क्लीनिक में भी इस तरह के प्रयोग कर चुके कई मरीज आ चुके हैं। जबकि जले पर नमक छिड़कने वाली लोकोक्ति लोगों में काफी पहले से प्रचलित है। फिर बिना जाने सझ़े उपचार संक्रमण को और बढ़ा सकते हैं।

घाव को धोएं और तत्काल पहुंचाएं अस्पताल

लोगों के सवालों का जवाब देते हुए डा. बोरा ने बताया कि जलने पर संबंधित घाव को नल के पानी से धोएं। इससे जहां मरीज को ठंडक महसूस होगी। वहीं और अधिक घाव नहीं बनेगा। अगर फफोले पड़ गए हो समझना चाहिए कि घाव कम है। अगर घरेलू उपचार करना है तो एंटीसेप्टिक क्रीम, हल्दी, नीम व एलोवेरा ही इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए।

पैदाइशी कटे तालू का नौ महीने तक करा लें आपरेशन

डा. बोरा ने बताया कि जिन बच्चों के पैदाइशी कटे तालू होते हैं। उनका इलाज नौ महीने तक करना बेहतर रहता है। नवजात को तीन महीने में ही प्लास्टिक सर्जन के पास ले जाना चाहिए। समय पर आपरेशन से आवाज में स्पष्टता आ जाती है। उन्होंने कहा कि कई बार लोग बच्चों को पांच साल बाद लाते हैं। इस समय तक बहुत देर हो चुकी होती है। हालांकि आपरेशन हो जाता है, लेकिन आवाज में स्पष्टता नहीं रहती है।

नाक में मस्सा है। क्या इससे भविष्य में दिक्कत हो सकती है।

श्याम, रामनगर

डाक्टर- अगर मस्सा वैसा ही रहता है तो कोई दिक्कत नहीं। मस्सा बढ़ रहा है। घाव बन रहा है तो तत्काल डाक्टर से संपर्क करें। आपरेशन करवा लें।

हाथ की कलाई के आगे के हिस्से में स्किम ग्राफ्टिंग करवाई थी। अब उस जगह पर मांस बढ़ने लगा हैं। क्या करें?

पीएस धामी पिथौरागढ़

डाक्टर- हाथ में टाइट व अच्छी क्वालिटी का प्रेशर गारमेंट पहनें। नारियल के तेल की मालिश करें।

इन्होंने भी लिया परामर्श

काशीपुर से अश्वनी शर्मा, रुद्रपुर से पंकज, बाजपुर से जसविंदर, मीनू, हल्द्वानी से संजय, एनके अग्रवाल, पिथौरागढ़ से सरोज सिंह, डीडीहाट से पुष्पा, खटीमा से सुनैना, नैनीताल से दीपक गोस्वामी आदि ने फोन कर परामर्श लिया।

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